इस्लामाबाद। भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान को करारा झटका लगा है। एक ओर जहां पाकिस्तान एकदम अलग-थलग पड़ गया है वहीं उसे अब अपने ही देश के अंदर सच आ आईना दिखाया जा रहा है। पाकिस्तान ने हमेशा से ही भारत की तरफ दोगुला रवैया अपनाया है लेकिन आज उसी के घर में उसे मुंह की खानी पड़ रही है। ताजा मामला पाकिस्तानी अखबार का है जिसने एक खबर छापी है और उसमे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को नसीहत देते हुए कहा कि पाकिस्तान सरकार को अपने अंदर एक बार झांक कर देखना चाहिए और छवि सुधारने के लिए माकूल प्रयास करने चाहिए।
पाकिस्तान के द डेली टाइम्स नाम के अखबार के संपादकीय में लिखा है कि वो समय आ गया है जब पाकिस्तान अपने अंदर झांक कर देखे और तय करें कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपने आप को कैसे प्रभावी ढंग से पेश करे। इसके साथ ही इस लेख में लिखा कि विश्व स्तर पर किसी देश को लेकर बना नजरिया बहुत मायने रखता है। ये पाकिस्तान का दुर्भाग्य है कि उसकी छवि एक ऐसे देश की बनी है जिसके ऊपर आतंकवाद और असहिष्णुता हावी है। इसी वजह से पाकिस्तान की किसी भी अपील को विश्व स्तर पर नजरअंदाज किया जाता है।
इसके साथ ही लेख में लिखा गया है कि कारगर विदेश नीति के लिए पूर्णकालिक विदेश मंत्री का होना जरूरी है। ऐसा विदेश मंत्री जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत की लॉबिंग का मुकाबला कर सके। पाकिस्तान को खुद के रीब्रांडिंग की सख्त जरूरत है और ये तब तक नहीं हो सकता जब तक अपने मुद्दों को, अपनी हकीकत को ईमानदारी से पेश नहीं किया जाता।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि पाकिस्तान को उसके ही मूल के नागरिक ने सच से रुबरु करवाया हो। हाल ही में भारतीय नागरिकता प्राप्त पाकिस्तानी मूल के गायक अदनान सामी ने भारत के द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक का समर्थन करते हुए भारतीय सेना की तारीफ की तो वहीं रविवार को पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हसन निसार ने पाक सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि भारत के एनएसए अजीत डोभाल जो कह रहे हैं उसे मान लेने में ही पाकिस्तान की भलाई है वरना सही में दुनिया के नक्शे से पाकिस्तान का सफाया हो जाएगा।
बता दें कि उरी आतंकी हमले के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर में इस्लामाबाद में होने वाले सार्क सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेने का ऐलान किया था जिसके बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान ने भी भारत का समर्थन किया था। भारत के इस कदम के बाद सार्क सम्मेलन को रद्ध कर दिया गया है। इस बात की जानकारी विदेश मंत्रालय ने ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा, क्षेत्रीय सहयोग और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते। मौजूदा हालात में भारत सार्क सम्मेलन मं हिस्सा नहीं लेगा। हाल ही में दक्षेस के वर्तमान अध्यक्ष नेपाल ने कहा है कि वह स्थगित हुए 19वें दक्षेस सम्मेलन के आयोजन के लिए जरूरी पहल करेगा और दबाव बनाने के लिए सदस्य देशों से बातचीत करेगा।