नई दिल्ली। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या की दोबारा जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका की सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को खारीज करते हुए याचिकाकर्ता से चार हफ्ते बाद होने वाली अगली सुनवाई में कोर्ट के सवालों का जवाब देने को कहा है। दरअसल मुंबई के रहने वाले पंकज कुमुदचंद्र फड़नीस ने महात्मा गांधी की हत्या की दोबारा जांच करने की मांग करते हुए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। पंकज ने अपनी याचिका में कहा था कि गांधी जी की हत्या में गोडसे के अलावा किसी विदेशी खुफिया एजेंसी का भी हाथ था।
पंकज ने अपनी याचिका में जोर देते हुए कहा था कि सोवियत संघ में भारत के राजदूत को फरवरी 1948 में सूचित किया गया था कि अंग्रेजों ने गांधी जी हत्या करवाई है। याचिकाकर्ता की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने इस मामले में छह अक्टूबर 2017 को अमरेंद्र शरण को न्यायामित्र नियुक्त कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अमरेन्द्र शरण को याचिका का विश्लेषण करके रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था।
अपनी इसी रिपोर्ट में याचिका में किए गए दावे को खारिज करते हुए शरण ने कोर्ट से कहा कि दस्तावेजों की तहकीकात में गांधी की हत्या में गोडसे के शामिल होने के अलावा किसी अन्य के शामिल होने की बात के साक्ष्य नहीं मिलते। साथ ही किसी विदेशी एजेंसी का हाथ होने, 2 लोगों के गोलीबारी करने और 4 गोली दागे जाने के दावे बेबुनियाद हैं। बताते चलें कि महात्मा गांधी की 30 जनवरी 1948 को गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में नाथू राम गोडसे और नारायण आप्टे को फांसी की सजा हुई थी।