पनामा पेपर लीक मामले में पूर्व पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बाद अब विदेश मंत्री मोहम्मद ख्वाजा आसिफ पर काले बादल मंड़राने लगे हैं। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें संसद से अयोग्य घोषित कर दिया है।
दरअसल अदालत ने ख्वाजा आसिफ से उनके पास यूएई का वर्क परमिट होने के कारण संसद सदस्यता छीनी है। विदेश मंत्री के खिलाफ दायर याचिका पर कोर्ट की तीन सदस्यीय स्पेशल बेंच सुनावाई कर रही थी। अदालत ने आसिफ को पाकिस्तानी संविधान की धारा 62 और 63 के तहत दोषी पाते हुए उनके खिलाफ यह फैसला सुनाया है।
पाक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता उस्मान डार ने बीते साल ख्वाजा आसिफ के खिलाफ यह याचिका कोर्ट में दायर की थी। उस्मान ने ख्वाजा आसिफ के पास यूएई का वर्क परमिट होने के सबूत कोर्ट में पेश करते हुए आसिफ को अयोग्य ठहराने की मांग की थी।
आपको याद हो तो साल 2013 में ख्वाजा आसिफ ने उस्मान डार को चुनाव में हराकर जीत हासिल की थी। इससे पहले पनामा पेपर लीक मामले में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने नवाज शरीफ पर आजीवन चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
पाक विदेश मंत्री पर लगे आरोप साबित होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि संविधान के अनुसार आसिफ इमानदार और सच्चे नहीं हैं। कानून के अनुसार, आसिफ पूरे जीवन के लिए सार्वजनिक या पार्टी कार्यालय के लिए योग्य नहीं होंगे।
वहीं ख्वाजा आसिफ ने इस फैसले को चुनौती देने की बात कही है। साथ ही दावा किया कि राजनीति के क्षेत्र में कदम रखने के बाद उन्होंने अपनी सारी संपत्ति की घोषणा कर दी थी। उन्होंने अपनी सफाई में कहा है कि वे यूएई के वर्क परमिट के बारे में भी पाकिस्तान चुनाव आयोग को पहले ही अवगत करा चुके थे।