नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने कर्नाटक चुनाव को लेकर में थर्ड जनरेशन के इलेक्ट्रॉनिंग वोटिंग मशीन को पेश किया। चुनाव आयोग ने इस नई ईवीएम को मार्क 3 नाम दिया गया है। आयोग ने इन मशीनों को कर्नाटक विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है। दरअसल हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में अलग-अलग राजनीतिक दलों ने ईवीएम के विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए थे। विपक्षी पार्टियो का कहना था कि ईवीएम से छेड़छाड़ कर बीजेपी चुनाव जीत रही है।
विपक्षी दलों ने बीजेपी की जीत को लेकर चुनाव आयोग को कटघरे में खड़ा करता रहा है। इन सबके मद्देनजर इन नई जनरेशन ईवीएम के बारे जानना बुहत अहम है। चुनाव आयोग का कहना है कि इस चिप को सिर्फ एक बार प्रोग्राम किया जा सकता है। चिप के सॉफ्टवेयर कोड को पढ़ा नहीं जा सकता और न ही दोबारा लिखा जा सकता है। चुनाव आयोग के मुताबिक ईवीएम को इंटरनेट या किसी भी नेटवर्क से कंट्रोल नहीं किया जा सकता।
आयोग का कहना है कि नई ईवीएम मशीन से छेड़छाड़ संभव नहीं है। अगर कोई मशीन या उसका एक स्क्रू भी खोलने की कोशिश करेगा को ये बंद हो जाएगा। नई ईवीएम मशीन में 24 बैलेट यूनिट और 384 प्रत्याशियों की जानकारी रखी जा सकती है। जबकि इससे पहले वाले मार्क 2 ईवीएम में सिर्फ 4 बैलेट यूनिट और 64 प्रत्याशियों की जानकारी ही रखी जा सकती थी। चुनाव आयोग ने बताया कि विदेश में बने किसी भी ईवीएम का इस्तेमाल भारत के चुनावों में नहीं होता।