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राजधानी मे ऑक्सीजन की किल्लत,नहीं हो पा रही अस्पतालों मे भर्ती

राजधानी मे ऑक्सीजन की किल्लत,नहीं हो पा रही अस्पतालों मे भर्ती

लखनऊ। राजधानी में चल रही ऑक्सीजन की किल्लत के चलते कई निजी अस्पतालों ने मरीजों की भर्ती से हाथ खड़े कर दिए हैं। प्रशासन के अधिकारी भी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी दूर नहीं करा पा रहे हैं। इसका खामियाजा कोरोना के उन गंभीर मरीजों को भुगतना पड़ रहा है जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत है और अस्पताल उन्हें लेने को तैयार नहीं।
लखनऊ में पिछले एक सप्ताह से ऑक्सीजन की किल्लत है। दावों के विपरीत अस्पतालों को मांग के अनुरूप ऑक्सीजन सिलेण्डर नहीं मिल रहे हैं। अभी तक छह फर्मे करीब 5040 ऑक्सीजन लिसेण्डर रोजाना तैयार करती थीं।

मगर ऑक्सीजन निर्माण के लिए जरूरी लिक्विड की कमी होने से ऑक्सीजन सिलेण्र रीफिल नहीं हो पा रहे हैं। अचानक ऑक्सीजन की मांग में बेतहाश वृद्धि हुई और अब रोजाना करीब 7000 हजार ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ रही है। ऑक्सीजन निर्माण करने वाली कम्पनियां मांग के सापेक्ष ऑक्सीजन तैयार नहीं कर पा रही हैं। पीजीआई, केजीएमयू और लोहिया संस्थान में 20-20 हजार लीटर क्षमता के लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगे हैं जिससे वहां के मरीजों को ऑक्सीजन तो मिल रही है मगर निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी हो गयी है।

डेढ़ घंटे नहीं मिली भर्ती

हरदोई रोड स्थित एरा मेडिकल कॉलेज में शुक्रवारक ो ऑक्सीजन की किल्लत हो गयी। यहां करीब 500 बेड पर कोरोना मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। अचानक ऑक्सीजन की किल्लत बढऩे से डेढ़ घंटे तक मरीजों की भर्ती ठप कर दी गयी। इस दौरान केवल वही मरीज भर्ती किए गए जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत नहीं थी।

बनी है ऑक्सीजन की कमी

इंदिरानगर के शेखर अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी दूर नहीं हो सकी है। अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट तो है मगर मरीजों को प्रेशर ऑक्सीजन नहीं दी जा पा रही है। मालूम हो कि आईसीयू और वेंटीलेटर पर मरीजों को प्रेशर ऑक्सीजन दी जाती है। प्रेशर ऑक्सीजन के लिए सिलेण्डर लगाने पड़ते है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार 15 सिलेण्डर भरने के लिए गए थे जो अभी तक रीफिल नहीं हो सके हैं। सिलेण्डर न मिलने से गंभीर मरीजों पर जान का संकट बना हुआ है। अस्पताल की संचालक डॉ. रिचा मिश्र का कहना है कि ऑक्सीजन की किल्लत के इस दौरान में बड़ी मुश्किलों से मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

नहीं हो रही नए मरीजों की भर्ती

कानपुर रोड स्थित अवध अस्पताल में भी ऑक्सीजन की कमी है। मेयो अस्पताल में भी ऑक्सीजन की किल्लत पहले से ही चल रही है। लगातार बनी इस समस्या से कोरोना मरीजों की भर्ती नहीं हो पा रही है। पहले से भर्ती मरीजों का इलाज मुश्किल हो गया है। विवेकानंद अस्पताल को भी पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हुई है। इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज में भी ऑक्सीजन की कमी चल रही है। वहां पांच दिनों से नए मरीजों की भर्ती बंद है।

अधिकारी कर रहे बड़े-बड़े दावे

-लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह का कहना है कि ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता है। मरीजों को हर संभव इलाज मुहैया कराया जा रहा है। अस्पताल के पास ऑक्सीजन बैकअप भी है।
-केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। जरूरत पडऩे पर हम दूसरे अस्पतालों की भी मदद कर रहे हैं। ताकि गंभीर मरीजों की जान बचाई जा सके।
-सिविल अस्पताल के निदेशक डॉ. सुभाष सुन्दरियाल के अनुसार अस्पताल में ऑक्सीजन कन्सनट्रेट लगा है जिससे मरीजों को ऑक्सीजन मिल रही है। नॉन कोविड मरीजों को इमरजेंसी में उचित इलाज मिल रहा है।
-बलरामपुर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी के मुताबिक ऑक्सीजन की कुछ कमी तो है मगर सिलेण्डर मंगाकर जरूरत पूरी की जा रही है। इलाज में किसी प्रकार की समस्या नहीं है।

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