लखनऊ: मरीजों को सस्ती दर पर दवा उपलब्ध कराने के लिए सरकारी अस्पतालों सहित राजधानी की सभी सीएचसी पर जन औषधि केंद्र खोले जाने थे। लेकिन मौजदा हालातों पर अगर नजर डाले तो स्तिथि कुछ और ब्या कर रही हैं। शहर की सिर्फ एक ही सीएचसी पर केंद्र खुले थे जोकि अब बंद हो गए हैं। वही अस्पतालो में खुले केंद्रों पर 50 प्रतिशत तक दवा उपलब्ध ही नही होती है। इसका असर गरीब मरीजो की जेम पर पड़ता है। मज़बूरन निजी मेडिकल स्टोर से दवा लेनी पड़ती हैं। वही अफसरों का कहना है कि सीएमओ आदेश भेज इन्हें जल्द खुलवाने के लिए कहा गया हैं।
राजधानी की ये है स्थिति
राजधानी में कुल 19 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। इसमें ग्रामीण इलाकों में 11 और शहरी में 8 हैं। पिछले साल की शुरुवात में शासन की तरफ से सभी सीएचसी पर मरीजो को सस्ती दवा उपलब्ध करवाने के लिए जन औषधि केंद्र खोले जाने थें। लेकिन, साल बीत जाने तक सिर्फ मोहनलालगंज सीएचसी पर ही जन औषधि केंद्र खोला गया था। जोकि पिछले दो महीनों से बंद हैं। वही बाकी की 18 सीएचसी पर जगह तय की गई लेकिन केंद्र नही खुल पाया। ऐसे में इन केंद्रों पर मिलने वाली 90 फीसद तक सस्ती दवाओं का लाभ गरीब मरीजों को नहीं मिल पा रहा है।
अस्पतालों में खुले लेकिन दवा नही
राजधानी में 12 सरकारी अस्पताल सहित करीब 60 निजी क्षेत्रों में कुल 72 जन औषधि केंद्र है। वही इनमें से सरकारी अस्पतालों में खुले केंद्र समय से पहले बंद हो जाते है। इतना ही नहीं यह पर दवा लेने आने वाले मरीजो को सस्ती दवा के बदले निराशा ही हाथ लगती है। क्योंकि केंद्रों पर 50 प्रतिशत तक दवा उपलब्ध ही नही होती। ऐसे में मरीजों को निजी मेडिकल स्टोर से महंगे दामों से दवा लेनी पड़ती हैं।