चंडीगढ़। पिछले साल पंजाब में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने सरकार बनने पर राज्य के नौजवानों को स्मार्ट फोन देने का वादा किया था, लेकिन इसके लिए अभी तक सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है और सरकार की ये सौगात पाने के लिए प्रदेश के युवा इंतजार कर रहे हैं। आपको बता दें कि चुनाव के समय सीएम ने प्रदेश में सरकार बनने के 100 दिन के अंदर पचास लाख युवाओं को स्मार्ट फोन देने का वादा किया था। वहीं अब सरकार अपना ये वादा तो निभाना दूर की बात है अब इससे जुड़े सवालों से दूर भाग रही है। इस मामले को लेकर पंजाब से आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने कांग्रेस की कैप्टन सरकार पर प्रदेश के नौजवानों के साथ वादाखिलाफी का आरोप लगाया है।
मान ने कहा कि कैप्टन ने पंजाबियों को मुफ्त स्मार्ट फोन तो क्या देने थे इसके विपरीत किसानों की मोटरों पर बिजली के मीटर लगा कर बोझ बढ़ाने का तोहफा जरूर दिया है। उन्होंने कहा कि वो इस मुद्दे को लोकसभा में उठाएंगे और कैप्टन सरकार की सबके सामने पोल खोलेंगे। भगवंत मान ने कहा कि संसद में हम मांग करेंगे कि सियायी पार्टियों के घोषणापत्र को रजिस्टर्ड करने के लिए कानून बनाया जाए और जो पार्टी जनता के साथ वादाखिलाफी करती है उसकी मान्यता चुनाव आयोग रद्द कर दे।
वहीं इस मामले को लेकर पंजाब कांग्रेस के प्रधान और गुरदासपुर से सांसद सुनील जाखड़ का कहना है कि सीएम नौजवानों को सौ दिन के अंदर ही मोबाइल फोन देना चाहते थे लेकिन पिछली अकाली-भाजपा सरकार के कारण नहीं दे पाए। जाखड़ ने कहा कि पिछ्ली सरकार के कारण पंजाब को आर्थिक दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन फिर भी कैप्टन अमरिंदर आगामी लोकसभा चुनाव से पहले पहले स्मार्ट फोन देने का वायदा पूरा करेंगे।
इसको लेकर योजना बन चुकी है और देश की एक बड़ी कंपनी जल्द ही नौजवानों को स्मार्ट फोन और इंटरनेट सुविधा मुहैया करवाएगी। सरकार का तर्क है कि स्मार्ट फोन देने के लिए ग्लोबल टेंडर की प्रणाली को अपनाया जा रहा है और रिलायंस कंपनी के साथ बातचीत चल रही है। मुख्यमंत्री की इस संबंध में रिलायंस इंडस्ट्री के मालिक मुकेश अंबानी के साथ भी दो मीटिंग हो चुकी है।