लखनऊ। कोरोना ने स्वास्थ्य व्यवस्था की तो पोल खोल ही दी है। व्यवस्था की लाचारगी का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। मरीजों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। अस्पतालों में ऑक्सीजन के बिना मरीज दम तोड़ रहे हैं।
ऐसे में जिम्मेदारों की मंशा पर सवाल उठना लाजिमी है। अब आम जनता अपनी तकलीफों को बयां कर रही है। सरकारी दावों की पोल खोलते हुए एक ऐसा ही ऑडियो भारत खबर को मिला है। जिसमें एक शख्स एक पत्रकार के सामने अपनी तकलीफ, सरकार की नाकामी को बेहद नाराजगी के साथ बयां कर रहा है। ऑडियो में यह शख्स कई गंभीर आरोप भी लगा रहा है।
डिप्टी सीएम के पीएस भी मांग रहे मदद
वायरल ऑडियो में दावा किया गया है कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के पीएस भी खुद मदद मांग रहे हैं। ऑडियो के अनुसार पीएस अपने रिश्तेदार के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर मांग रहे हैं। उनको मदद दी गई लेकिन तब तक उनके रिश्तेदार की मौत हो गई। इस संबंध में उपमुख्यमंत्री भी खुद फोन कर मदद करने को कह रहे हैं।
कालाबाजारी कर रह रहे लोगों पर क्यों नहीं हो रही कार्रवाई
ऑडियो में सरकार और अधिकारियों की मंशा पर सवाल किए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि महामारी अधिनियम लागू है। लोग कालाबाजारी कर रहे हैं तो उनके उपर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। कार्रवाई नहीं होने की वजह से ही इनकी मनमानी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
कई शिकायतें और सलाह दी गई है ऑडियो में
- हम ऑक्सीजन सिलेंडर तो ले आए, लेकिन भरवाएं कहां
- प्रशासन कुछ कर नहीं पा रहा
- रेल कोच फैक्ट्री, टाइको जैसी संस्थाओं के पास हजारों सिलेंडर, इसे क्यों नहीं किया जा रहा प्रयोग
- एलपीजी सिलेंडर का प्रयोग कर सकते हैं
- प्राइवेट अस्पतालों को कन्वर्ट करने आदेश, लेकिन उनके पास संसाधन कहां से आए
- मीडिया पर हकीकत को छिपाने का आरोप
- फैबिफ्लू रैमेडिसिवर जैसी दवाएं नहीं
- मेडिकल स्टोर पर महंगी दवाएं बेची जा रहीं हैं
- सरकार की मंशा क्या है, कुछ समझ नहीं आ रहा
- डॉक्टर कह रहे फैसिलिटी नहीं है तो कैसे अलॉट करें
- डीआरडीओ भी तेजी से नहीं कर पा रहा काम
- दूसरों से क्या करें उम्मीद
- सीएमओ के आदेश के बाद भी नहीं हो रही भर्ती
- आत्मनिर्भर कैसे बनें
- इस देश का क्या होगा, कुछ समझ नहीं आ रहा
- हकीकत सामने ले आइए, छिपाइए नहीं
- सारे संसाधन फेल हैं