हलद्वानी। देश में विमुद्रीकरण लागू होने के बाद से कालाधन लगातार सामने आ रहा है। कहीं पर नोटों को बारीक टुकड़ों में, तो कहीं गंगा में नोटों को बहते देखा गया है। ऐसी ही एक घटना उत्तराखंड के हलद्वानी से सामने आ रही है जहां पर एक नहर में 500 और 1000 के पुराने नोटों को बहते देखा गया है। प्राप्त हो रही जानकारियों के मुताबिक जब लोगों को नहर में पैसों के बहने की खबर मिली तो लोग पैसों को पाने के लिए इस ठंड में नहर में कूद पड़े, बहते नोटों को पाने के लिए लोगों मे अफरा तफरी मच गई।
आपको बता दें कि यह की पहली घटना नहीं है जहां पर पानी में नोटों को बहते हुए देखा गया है, इससे पहले भी उत्तरप्रदेश के मिर्जापुर स्थित गंगा नदी में भी ऐसे ही नोट बहते हुए मिले थे। बताया जा रहा है कि जब हलद्वानी में लोगों ने नोटों को बहते हुए देखा तो मोदी मोदी के नारे लगाने शुरु कर दिए। दोपहर 12 बजे जब नहर के पानी को बंद किया गया उस समय भी नोट पाने के लिए लोग प्रयासरत दिखे।
गंगा में बहते मिले थे नोट– मिर्जापुर में नारघाट पर शुक्रवार को गंगा नदी में फटे हुए 1000 के नोट पाए गए। एक अनुमान के अनुसार इनकी कीमत पचास हजार के करीब होगी।जैसे ही ये खबर फैली तो लोगों का जमावड़ा लग गया। कुछ लोग नदी में कूदे भी, लेकिन निराशा ही हाथ लगी। क्योंकि नदी में नोट फाड़कर फेंके गए थे। कुछ लोग तो नाव पर गंगा के पानी से इकट्ठा किया गया हजार का नोट भी निकाल कर रखा हुआ था। यह सभी हजार के नोट हैं किसी ने बीती रात इसे गंगा में फेंक दिया।
नोटों का इस तरह से जलता और बहता पाया जाना यह साबित करता है कि देश में कालेधन रखने वालाें में काफी हलचल है, और जैसे जैसे सरकार द्वारा निर्धारित पैसों को जमा करने की तारीख नजदीक आ रही है, कालाधन रखने वाले लोगों में बौखलाहट देखी जा रही है। जिसका परिणाम यह है कि एक समय जो नोट तिजोरियों में छिपा कर रखे जाते थे वही नोट अब जल और नदियों में बह रहे हैं।