लखनऊ: कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड के कुख्यात अपराधी विकास दुबे का एनकांउटर कर पुलिस ने उसे मार गिराया था। लेकिन आज भी उसकी दबंगई के किस्से सुनकर लोग सिहर उठते हैं।
दो जुलाई की रात बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके साथियों ने हमला कर दिया था। इस घटना में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। योगी सरकार के ऑपरेशन क्लीन अभियान तहत पुलिस ने बिकरू कांड के आरोपितों को एक-एक कर पुलिस एनकांउटर में ढेर कर दिया। पुलिस ने छह आरोपितों समेत मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दुबे को भी मार गिराया।
50 आरोपितों में से छह शूटआउट में ढेर
कानपुर जोन के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने बताया कि, बिकरू कांड से जुड़े कई अपराधियों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई की जाएगी। बिकरूकांड में अब तक 50 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिनमें से छह लोगों को शूटआउट में मार गिराया गया है। अब 44 आरोपित जेल की चाहर दीवारी में कैद हैं। इन पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी।
आइजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि, इसकी शुरुआत विकास दुबे के बेहद करीबी शिवम से की गई है। उन्होंने बताया कि, ऐसे अपराधियों पर पुलिस ढील नहीं करेगी। एक साल गुजर जाने के बाद भी पुलिस बिकरू कांड की बारीकी से जांच कर रही है।
एनकांउटर में पुलिस ने विकास को किया था ढेर
गौरतलब है कि उज्जैन से वापस लाते समय पुलिस की गाड़ी पलटने के बाद विकास ने पुलिस की पिस्टल छीन ली थी। पुलिस ने पीछा किया तो विकास ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। इसके बाद मुठभेड़ में पुलिस ने विकास दुबे को मार गिराया। वहीं, न्यायिक जांच ने भी इस एनकाउंटर को सही माना था। जांच में पता चला कि, प्रभात की पिस्टल छीनकर विकास ने जीप से भागने की कोशिश की थी। इसके बाद आरोपित ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी थी और जवाबी कार्रवाई में मारा गया था।