- भारत खबर, संवाददाता
नोएडा पुलिस के कप्तान वैभव कृष्ण का एक मामला इन दिनों तूल पकड़ रहा है। उनसे सम्बंधित एक अश्लील वीडियो की क्लिप इन दिनों मोबाईल फोन में धूम मचा रही है। लेकिन कप्तान का साहब का गुस्सा भी काबू से बाहर है। नोएडा के सेक्टर 20 में अश्लील वीडियो काण्ड की जांच हापुड़ के एसपी को सौंपी गई है। हापुड़ एसपी संजीव सुमन ने बताया की वीडियो सम्बंधी जानकारियां सामने आ गई हैं। कुछ पुलिस सूत्रों का कहना है कि पुलिस विभाग के कई कर्मचारी व गाजियाबाद के कुछ लोग भी जांच की जद में हैं। चर्चा है कि जल्द ही इस संबंध में कुछ गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।
लेकिन इस सम्बंध में एक बड़ा खतरनाक मोड़ उस वक्त आ गया जब अश्लील वीडियो की जांच का सामना कर रहे नोएडा के एसएसपी ने अपनी टीम भेजकर मेरठ के एक पत्रकार को जबरन हिरासत में लेने की कोशिश की। सबसे मजे की बात यह रही कि इस पूरे प्रकरण में नोएडा पुलिस ने मेरठ पुलिस को कोई सूचना नहीं दी। इस पूरे घटनाक्रम पर एडीजी मेरठ प्रशान्त कुमार भड़क गए। उन्होंने नोएडा के एसएसपी से जवाब तलबी की और फटकार भी लगाई। यही नहीं यूपी डीजीपी ओपी सिंह ने खुद इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। साथ ही उच्च स्तर से जिस के प्रकार के आदेश आएंगे, उन्हीं के अनुसार कार्य किया जाएगा।
डीजीपी के अनुसार इस तरह गुप्त रिपोर्ट को सार्वजनिक करना ऑल इंडिया सर्विस रूल बुक की धारा-9 का उल्लंघन है। डीजीपी और प्रदेश सरकार का रुख सामने आने के बाद एसएसपी की मुश्किलें फिलहाल बढ़ती नजर आ रही हैं।
सिर्फ डीजीपी ही नहीं बल्कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी इस रिपोर्ट के बारे में जानकारी मांगी। सीबीआई जांच की मांग से लेकर राजनीतिक पार्टियों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। अब कथित वायरल विडियो से ज्यादा, गुप्त रिपोर्ट सार्वजनिक होने की वजह से यह मामला तूल पकड़ गया है।
इसी प्रकरण में मेरठ के पत्रकार पीयूष राय ने आईजी को तहरीर देकर आरोप लगाया है कि नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण के कथित तौर पर 3 विडियो मेरठ में वायरल हुए। पीयूष के मुताबिक ने उन्होंने इसकी जानकारी आईजी जोन को दी और आईजी ने वैभव कृष्ण को बताया। वैभव ने आईजी का हवाला देकर उन्हें फोन किया और वॉट्सऐप पर तीनों विडियो मांगे। गुरुवार को नोएडा पुलिस के 2 इंस्पेक्टर और अन्य पुलिस वालों ने मेरठ आकर उन्हें हिरासत में लेने का प्रयास किया। एसएसपी मेरठ और आईजी को जानकारी देने पर दोनों अफसरों ने नोएडा पुलिस को फटकारा। एडीजी ने भी नोएडा पुलिस से नाराजगी जताई और कहा कि जब जांच हापुड़ पुलिस कर रही है, फिर नोएडा पुलिस मेरठ क्यों आई।
एडीजी जोन मेरठ ने की पत्रकार वार्ता
एडीजी जोन ने प्रेसवार्ता में कहा कि 23 अगस्त 2019 को थाना बीटा-2 जनपद गौतमबुद्धनगर में पांच तथाकथित पत्रकारों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया। विवेचना के मध्य संकलित किए गए साक्ष्यों के विश्लेषण से आरोपियों की पुलिस विभाग के कतिपय अधिकारियों के साथ मिलीभगत में संलिप्तता प्रकाश में आई।
जिसके संबंध में वैभव कृष्ण द्वारा शासन एवं पुलिस महानिदेशक को संबंधित दो पत्र लिखे गए। जिसे कुछ अधिकारियों एवं प्राइवेट व्यक्तियों (जिसमें से एक पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी भी रहे हैं) के विरुद्ध कुछ आरोप अभिलिखित थे। इन आरोपों के संबंध में सक्षम स्तर से अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ जोन को जांच हेतु संदर्भित किया गया था। इसी जांच के क्रम में एडीजी मेरठ जोन द्वारा 26 दिसंबर 2019 को 15 दिसंबर तक जांच हेतु अतिरिक्त समय मांगा गया।
एसएसपी गौतमबुद्धनगर का जो तथाकथित वीडियो वायरल हुआ है, उससे संबंधित विभिन्न धाराओं और आईटी एक्ट में थाना सेक्टर-20 नोएडा में मुकदमा दर्ज किया गया। जिसकी विवेचना पुलिस अधीक्षक हापुड़ संजीव सुमन से कराई जा रही है। जिसका पर्यवेक्षण मेरठ रेंज के आईजी/एडीजी आलोक सिंह द्वारा किया जा रहा है। इस विवेचना में साइबर क्राइम टीम एवं एसटीएफ को भी सहयोग के लिए लगाया गया है।