नई दिल्ली। मुंबई आतंकी कांड की बरसी के ठीक पहले पाकिस्तान में नजरबंद प्रतिबंधित आतंकी हाफिज सईद को रिहा कर दिया गया। पाक में हाफिज सईद की रिहाई पर भारत समेत अमेरिका के रक्षा विशेषज्ञों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। हाफिज सईद की रिहाई पर अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के पूर्व अधिकारी ने कहा कि हाफिज के हाथ खून से सने है। हाफिज सईद पाकिस्तान की राजनीति में अब आतंकवाद को लाना चाहता है। जो कि ना पाकिस्तान के लिए ठीक है ना ही दुनियां के लिए।
आतंकी हाफिज सईद को 297 दिनों की नजरबंद कैद के बाद रिहा कर दिया गया। रिहा होते ही उसने कश्मीर का राग अलाप कर अपने मंसूबे साफ जाहिर कर दिए हैं। हाफिज को लेकर सीआईए के पूर्व अधिकारी ने कहा कि सईद आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और अल कायदा के साथ मिलकर हमला करता है। आतंकी हाफिज की रिहाई पर चिन्ता व्यक्त करते हुए दक्षिण एशियाई मामलों के जानकारों का कहना है कि वह राजनीति की मुख्य धारा से आतंकवाद को अब जोड़ने का प्रयास करेगा।
सूत्रों की माने तो अमेरिका हाफिज सईद की रिहाई के बाद से पाकिस्तान से नाराज हो गया है। माना जा रहा है कि हाफिज की रिहाई के बाद एक बार फिर अमेरिकी और पाकिस्तान के संबंधों में दरार पड़ सकती है। अमेरिकी अखबारों का कहना है कि पाकिस्तान हमेशा से आतंकी संगठनों के खिलाफ नरम बर्ताव करता है। क्योंकि ये संगठन कश्मीर में भारतीय सुरक्षाबलों पर निशाना साधते हैं। अमेरिकी समाचार पत्र वाशिंगटन एग्जामिनर में कहा गया है कि ट्रंप प्रशासन को भारत के साथ मिलकर हाफिज सईद को पकड़ना चाहिए।