पटना। बिहार में महागठबंधन की सरकार गिराने और भाजपा के साथ सरकार बनने के बाद सोमवार को मीडिया से रूबरू होकर अपने विचारों को साझा किया। नीतीश कुमार ने कहा कि महागठबंधन तोड़ने के लिए राजद की नीतियों ने विवश किया। महागठबंधन चलाने को लेकर राजद की नीतियों के चलते कई बार बड़ी दिक्कत हुई है।
सरकार के प्रशासनिक कार्यों में लगातार राजद हस्तक्षेप करता रहा है। लालू परिवार के ऊपर जब सीबीआई और ईडी के छापे पड़े तो सरकार के ऊपर सवालिया निशान लगने लगे मैने इस मुद्दे पर लालू प्रसाद यादव जी से बातचीत कर साफतौर कहा कि इस मामले में आगे आये और जनता को जबाब दें क्योंकि ये जनता इस मामले में जबाव चाह रही है।
लेकिन लालू प्रसाद यादव और राजद की ओर से जबाव आने की जगह ये बातें आने लगी को नीतीश कुमार या सरकार कोई संवैधानिक जगह नहीं है ना ही जांच एजेन्सी हमको जहां जबाव देने हैं वहां जबाव देंगे इस बारे में लगातार हमारी सरकार की नीति को धक्का लग रहा है। पार्टी के स्तर पर हमने अपनी पार्टी के लोगों से बैठक कर बातचीत की इसके बाद जब लगा कि ऐसे हालत में सरकार चलाना मुश्किल है तो हमने अपना इस्तीफा सौंप दिया।
हमने पहले ही कहा था कि सरकार भ्रष्टाचार के किसी भी मुद्दे पर समझौता नहीं कर सकती थी। मैने साफ तौर पर कहा था कि तेजस्वी आपके ऊपर आरोप लगे हैं जनता जबाव मांग रही है साफ करिए लेकिन उस पर तेजस्वी ने जबाब नहीं दिया हमें जनता को जबाब देना था आखिर जब हम भ्रष्टाचार को लेकर जनता में अपनी नीतियां बताते हैं तो हमें इस मुद्दे पर जबाव देने था तो जनता को जबाव दिया।