पड़ोसी देश पाकिस्तान के पूर्व मुख्यमंत्री नवाज शरीफ ने खुद इस बात को स्वीकार किया है कि भारत के मुंबई हमले में पाकिस्तान का हाथ था। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि देश में सिर्फ तीन सरकारें चल रही हैं- एक आर्मी, एक आतंकवादी और एक जनता द्वारा चुनी गई सरकार। बता दें कि इन दिनों नवाज शरीफ का राजनीतिक करिक दांव पर लगा हुआ है।
नवाज शरीफ ने 26/11 हमलों की पाक में अटकी पड़ी सुनवाई को लेकर भी सवाल उठाया है। शुक्रवार को मुल्तान में रैली से पहले ‘द डॉन’ को दिए इंटरव्यू में नवाज ने कहा, ‘आप एक देश को नहीं चला सकते जब दो या तीन समानांतर सरकारें चल रही हों। यह रोकना होगा। सिर्फ एक ही सरकार हो सकती है, जो संवैधानिक प्रक्रिया से चुनी गई हो।’
पाक पूर्व पीएम ने आगे कहा, ‘आतंकी संगठन सक्रिय हैं, क्या हमें उन्हें सीमा पार करने और मुंबई में 150 लोगों की हत्या करने की इजाजत दे देनी चाहिए? मुझे बताइए।’ रावलपिंडी आतंकरोधी अदालत में मुंबई हमलों का ट्रायल लंबित होने का हवाला देते हुए नवाज ने कहा, ‘हमने सुनवाई क्यों नहीं पूरी की?’ बता दें कि पाकिस्तान इस बात से हमेशा इनकार करता रहा है कि 2008 के मुंबई हमलों में उसकी कोई भूमिका है।
पूर्व प्रधानमंत्री से जब यह पूछा गया कि उनकी नजर में वह कौन सा कारण है जिससे उनकी पीएम की कुर्सी गई तो उन्होंने सीधा जवाब नहीं दिया लेकिन उन्होंने बातचीत को विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे की तरफ मोड़ दिया। नवाज शरीफ ने कहा, ‘हमने अपने आपको अलग कर लिया है। कुर्बानियों के बावजूद हमारी बात कोई स्वीकार नहीं करता। अफगानिस्तान की कहानी को स्वीकार कर लिया गया, लेकिन हमारी नहीं। हमें इसपर ध्यान देना चाहिए।’
जब नवाज शरीफ से पूछा गया कि आने वाले आम चुनाव में पीएमएल-एन का नेतृत्व किसके हाथ में जाएगा, तो उन्होंने चुप्पी साध ली। प्रधानमंत्री पद के लिए पार्टी की तरफ से उनके भाई शाहबाज शरीफ के नाम की अटकलों पर भी शरीफ ने कुछ नहीं कहा।