केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी), यूपी जल निगम, शपूरजी पालोनजी एवं कंपनी लिमिटेड और एसएसजी इंफ्राटेक लिमिटेड के बीच एक शहर- एक संचालक अवधारणा और हाइब्रिड एन्यूटी मोड के तहत कानपुर में सीवेज ट्रीटमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक रियायत समझौते पर हस्ताक्षर के लिए आयोजित समारोह की अध्यक्षता की।
इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि स्वच्छ गंगा का सपना अब जल्द ही साकार होगा, क्योंकि नदी की सफाई के लिए उठाए गए कदमों के नतीजे अब दिखने लगे हैं। गडकरी ने बताया कि नमामि गंगे के तहत उत्तर प्रदेश में 73 परियोजनाएं मंजूर की गई है जिसकी अनुमानित लागत 9934 करोड़ रुपये हैं। इनमें से 13परियोजनाएं पूरी हो चुकी है और बाकी परियोजनाएं पूरी होने के विभिन्न चरणों में है।
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मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन को उनके काम के लिए बधाई देते हुए गडकरी ने कहा कि इस क्षेत्र में हाइब्रिड एन्यूटी मोड (एचएएम) सफल रहा है। इस मॉडल के तहत 6 परियोजनओं (हरिद्वार, वाराणसी, मथुरा, कानपुर, इलाहाबाद और फर्रुखाबाद) को पुरस्कृत किया जा चुका है और कई अन्य परियोजनाएं पूरा होने के विभिन्न चरणों में है। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं का गहन निरीक्षण किया जा रहा है।
गडकरी ने कहा कि एक शहर-एक संचालक अवधारणा से एकल जवाबदेही, वांछित प्रदर्शन और सावधि संपोषण सुनिश्चित होगी। इस अवधारणा में संचालन एवं प्रबंधन सहित शहर के पूरे सीवेज इंफ्रास्ट्रक्चर की जिम्मेदारी एक ही संचालक की होती है। गडकरी ने उपचारित जल के पुन: प्रयोग की आवश्यकता पर जोर दिया और बताया कि मथुरा में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन हाल ही में हुए समझौते के तहत एसटीपी से उपचारित जल खरीद रहा है।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन भी अन्य परियोजनाओं के लिए इस पर काम कर रहा है।गंगा नदी की अविरलता को सुनिश्चित करने के मुद्दे पर बात करते हुए गडकरी ने कहा कि इस संदर्भ में इस साल अक्टूबर में पहले ही एक अधिसूचना जारी कर दी गई है। विश्वास है कि गैर बरसाती मौसम में भी नदी में न्यूनतम जल प्रवाह बना रहेगा।