नई दिल्ली। वैसे तो देश में आम चुनाव और विधानसभा चुनावों को अलग-अलग किया जाता है लेकिन अगर हाल ही में नीति आयोग के प्रस्तावित सुझाव को मान लिया जाता है तो हो सकता है कि आने वाले समय में दोनों चुनाव को एक साथ कराया जाए। दरअसल नीति आयोग ने पॉलिसी थिंक टैन के अंतर्गत साल 2024 से लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का सुझाव दिया है ताकि चुनाव प्रचार की वजह से शासन व्यवस्था का काम बाधित ना हो।
कम प्रचार से सरकारी काम काज में आएगी तेजी:-
इसके साथ ही इसमें कहा गया है कि चुनावों को लेकर कम से कम प्रचार किया जाए ताकि सरकारी काम में दिक्कत ना हो। आयोग का कहना है कि इसमें अधिकतम एक बार की काट-छांट करनी पड़ेगी या फिर कुछ विधानसभाओं का कार्यकाल बढ़ना पड़ सकता है। हालांकि आयोग के सुझावों पर गौर फरमाते हुए चुनाव आयोग ने देश में एक साथ चुवाव का रोडमैप बनाने के लिए एक वर्किंग ग्रुप बनाने को भी कहा है।
फ्री और फेयर चुनाव करवाना मकसद:-
ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि इस वर्किंग ग्रुप की रिपोर्ट आने वाले 6 महीनों में आ जाएगी और अगले साल के मार्च महीने के अंत में ब्लूप्रिंट तैयार हो जाएगा। इस सुझाव के पीछे आयोग का मुख्य मकसद भारत में आयोजित चुनावों को फ्री और फेयर तरीके से एकसाथ करवाना है ताकि चुनाव प्रचार बार-बार सरकारी कामकाज में व्यवधान पैदा ना करें। हालांकि कुछ महीने पहले यानि की 26 जनवरी को राष्ट्रपित प्रणब मुखर्जी ने अपने भाषण में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ करवाने की वकालत कर चुके है।
(शिप्रा सक्सेना)