नई दिल्ली। प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए माता वैष्णों देवी के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या सीमीत करने के बाद अब एनजीटी का डंडा अमरनाथ श्राइन बोर्ड पर भी चला है। एनजीटी ने अमरनाथ में श्रद्धालुओं की मूलभूत सुविधाओं और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए एक अलग से कमेटी गठीत की है। फैसले के बाद इस कमेटी का काम होगा की वो अमरनाथ मंदिर के आस-पास स्वच्छता का ध्यान रखेगी, उचित मुहैया कराए जाने वाले कई पहलुओं पर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। एनजीटी ने दिसंबर के पहले हफ्ते में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
एनजीटी ने अमरनाथ में पर्यावरण और श्रद्धालुओं की सुविधाओं को लेकर कई सवाल भी पूछे। सवाल में कहा गया कि अमरनाथ मंदिर के रास्ते में से अब क्यों अतिरिक्त शौचालय और दुकाने हटाई गई। इसी के साथ ये भी सवाल किया गया कि अमरनाथ मंदिर के क्षेत्र को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के 2012 के आदेश का अब तक पालन क्यों नहीं किया गया। ये सब सलाव एनजीटी ने अमरनाथ श्राइन बोर्ड से पूछे और इनपर एक रिपोर्ट बनाकर जल्द से जल्द पेश करने का हुकम सुनाया। एनजीटी ने कहा कि अब से अमरानाथ गुफा के आस-पास पूजा के लिए इस्तेमाल कि जाने वाली चीजें न फेंकी जाए।
इसी के साथ एनजीटी ने हिमस्खलन से बचने के लिए मंदिर के आस-पास के क्षेत्र को साइलेंस क्षेत्र घोषित करने का भी सुझाव दिया। गौरतलब है कि इससे पहले एनजीटी ने पर्यावरण सुरक्षा और अधिकारियों का भार कम करने के लिए मां वैष्णो देवी के दर्शन को जाने वाले यात्रियों की संख्या नियंत्रित कर एक दिन में 50 हजार कर दी थी। वहां निर्माण संबंधी गतिविधियों को रोकने का भी निर्देश दिया है।