मंदसौर हिंसा के और किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपना अनशन शुरू कर दिया है। शिवराज सिंह चौहान ने दशहरा मैदान में अपना अनशन शुरू किया है। शिवराज सिंह का कहना है कि जब तक किसानों को आंदोलन थम नहीं जाता वह अपना अनशन नहीं तोड़ेंगे। शिवराज सिंह चौहान के साथ कई सारे मंत्री भी अनशन पर बैठे हुए हैं। शिवराज चौहान का कहन है कि यह पार्टी किसानों की पार्टी है, खेती सरकार का पहला मकसद है और सरकार किसी भी तरह से किसानों के विरुद्धा नहीं खड़ी है। सरकार द्वारा किसानों के लिए कई सारी योजनाएं चलाई गई हैं।
अपना अनशन शुरू करने से पहले शिवराज सिंह ने ट्वीट कर कहा कि ‘बापू के देश में हिंसा की कोई जगह नहीं है। शांति से बैठ कर भी समस्या का हल ढूंढ लेंगे’ उन्होंने कहा कि उनके उपवास से पता लगता है कि वह किसानों के साथ खड़े हुए हैं। शिवराज सिंह चौहान ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि बातचीत करके तो देशों के बीच चल रहे मसले हल हो जाते है फिर यह तो हमारे और आपके बीच की बात है।
आपको बता दें कि किसानों के आंदोलन के बीच हर तरफ से घिरे हुए शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने पत्थर दिल ना होने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि शांति बहाली बनाए रखने के लिए उन्होंने वल्लभ भवन में ना बैठने की बात कही थी। वही शिवराज के अनशन को विपक्ष में बैठे अजय सिंह ने नौटंकी करार दिया था। दरअसल सीएम शिवराज सिंह के अनशन की घोषणा के बाद उनपर तरह-तरह की टिप्पणियां की जा रही है। शिवराज सिंह का सोशल मीडिया पर काफी मजाक भी उड़ाया जा रहा है। वही कांग्रेसी नेता ने सीएम शिवराज के अनशन को एक नौटंकी बताया है। यह सब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के जरिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि सीएम किसानों की समस्या का सामाधान निकालने की बजाए अनशन करने की नौटंकी कर रहे हैं। अरुण यादव ने आगे कहा कि सीएम को किसानों की अगर इतनी ही चिंता है तो उन्हें किसानों के बीच जाकर दुख-दर्द बांटना चाहिए और किसानों की समस्या का सामाधान निकालना चाहिए। कांग्रेस की तरफ से शिवराज सिंह को घेरने के लिए कहा गया कि साल 2011 में भी सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अनशन पर बैठने की नौटंकी की थी लेकिन संवैधानिक संकट पैदा होने पर वह अपनी नौटंकी नहीं कर पाए थे।