काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल प्रचंड ने रविवार को कहा कि भारत का उनका दौरा सफल और फलदायी रहा। प्रचंड अपना चार दिवसीय भारत दौरा संपन्न कर रविवार को स्वदेश लौटे हैं। प्रचंड ने भारत से लौटने के बाद त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि दौरे से द्विपक्षीय संबंधों में आपसी विश्वास और भरोसा कायम हुआ है। भारत-नेपाल संबंधों को नई ऊंचाई मिली है। उन्होंने कहा, भारत के साथ हमारे संबंधों और साझेदारी से चीन के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध प्रभावित नहीं होंगे।
प्रचंड ने कहा, भारत और चीन के साथ हमारे संबंधों की गति अलग है, इसलिए भारत के साथ हमारे संबंधों से चीन के साथ दूरी नहीं पैदा होगी।चीन के साथ नेपाल के संबंधों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “भारत और चीन के साथ हमारे संबंधों के चरित्र अलग-अलग हैं। एक पक्ष के साथ संबंधों से दूसरा पक्ष प्रभावित नहीं होगा। प्रचंड ने कहा कि नेपाल ने दोनों पड़ोसियों के साथ संतुलित और सूक्ष्म संबंध बरकरार रखा है। उन्होंने कहा, मेरे दौरे का लक्ष्य उपक्षेत्रीय सहयोग के लिए एक वातावरण तैयार करना था, जिसके लिए भारत भी प्रयासरत है।
प्रचंड ने कहा कि भारत ने नेपाल के सभी मुद्दों को प्राथमिकता पर रखा है और आपसी हितों और चिंताओं को विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि सामूहिक हित और कल्याण से संबंधित कार्य मिलकर किए जाएंगे।माओवादी नेता ने कहा कि नेपाल की मौजूदा सरकार देश को आर्थिक समृद्धि के रास्ते पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार नेपाल में जलविद्युत उत्पादन, अवसंरचना तैयार करने और पर्यटन क्षेत्र विकसित करने में मदद करने को तैयार है।
प्रचंड ने कहा कि नई दिल्ली में उनकी बैठकों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेशमंत्री सुषमा स्वराज, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेटली, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, उद्योगपतियों और मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत हुई और विचारों के आदान-प्रदान हुए।