नई दिल्ली। आखिरकार एनडीए गठबंधन से तलाक लेने पर उतारू एलजेपी और भाजपा के साथ जेडीयू के बीच चल रही रस्साकशी का खेल आखिर खत्म हो गया। राजनीति के मौसम वैज्ञानिक रामबिलास पासवान ने मौसम का मिजाज देखकर अपना पासा फेंक दिया। इस राजनीति ड्रामें के बाद भाजपा के माथे पर बल पड़ गए थे। भाजपा ने इस पूरे प्रकरण का समाधान बिहार में सहयोगी जेडीयू के साथ मिल बैठकर हल कर लिया है।
अब बिहार लोकसभा की 40 सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा और एलजेपी के बीच रार मची थी। इस बात को खत्म करने के लिए सीटों का बटंवारा करते हुए भाजपा ने 17 और जेडीयू ने 17 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इसके साथ ही 6 सीटों पर एलजेपी और रामबिलास पासवान को राज्यसभा भेजने के प्रस्ताव भी हुए है। हांलाकि अगर नजर डालें तो बीते 2014 के चुनाव में भाजपा के पास 22 सीटें थी। इस तरह से इस गठबंधन को बचाने के लिए भाजपा को 5 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है।
राजनीतिक दलों के सीट बंटवारे का फैसला भाजपा अध्यक्ष अमितशाह एलजेपी के रामबिलास पासवान और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार की मौजूदगी में किया गया। हांलाकि इस मसौदे में सबसे ज्यादा नुकसान भाजपा और फायदा एलजेपी को रहा है। ऐसे में अब भाजपा पर उसके सहयोगियों का दबाव बीते दिनों राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुई हार के बाद साफ देखा जा सकता है।