चंडीगढ़। ’द लॉफिंग बुद्धा’ नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी की सदसयता से इस्तीफा दे दिया है। नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को अपना इस्तीफा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भेजा इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्यसभा से भी इस्तीफा दे दिया था। पति के नक्शेकदम पर चलते हुए उनकी पत्नी ने विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। नवजोत कौर ने पार्टी छोड़ने से पहले कहा था कि वे अपने क्षेत्र में काम लोगों से जुड़ी हुई हैं और उनकी समस्याओं को उठाना उनका कर्त्वय है, परन्तु ऐसा करने के लिए उन्हे इजाज़त नहीं दी जाती है। पार्टी पर सवाल उठाते हुए उन्होने कहा था कि अगर मैं समाज की कोई समस्या उठाती हूं तो पार्टी उनका साथ देने के बजाय, ऐसा करने से रोकती है। ऐसे रोके जाने को उन्होने पार्टी का डिक्टेटरशिप रवैया बताया था।
क्रिकेटर से शो जज और फिर राजनीति में कदम रखने वाले नवजोत सिंह को लेकर मीडिया बाजार गत दिनों गरम दिखा। आपको याद दिला दें कि 8 सितंबर को उन्होने अपने नए मोर्चे की घोषणा की थी। सिद्धू के मोर्चे का नाम आवाज-ए-पंजाब है। उनके मोर्चे में भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान व विधायक परगट सिंह और लुधियाना जिले से विधायक बैंस बंधु सिमरजीत सिंह बैंस व बलविंदर सिंह बैंस भी हैं। 18 जुलाई को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद ही यह पता चल गया था कि वें भाजपा से अलग हो जाएंगे।
गौरतलब है कि अपनी पार्टी बनाने से पहले सिद्धू के आम आदमी पार्टी में जाने की अटकलें थीं, लेकिन केजरीवाल के साथ बात न बन पाने पर वह आप में शामिल नहीं हुए। इसके बाद सिद्धू ने कहा था कि केजरीवाल उन्हें भाजपा की तरह ही महज शो पीस बनाना चाहते थे। यह भी कहा जा रहा था कि सिद्धू पंजाब में सीएम उम्मीदवारी की मांग कर रहे थे।
सिद्धू और उनके साथी अपने मोर्चा को व्यापक रूप देने की तैयारी में हैं, कयास लगाए जा रहे हैं कि आप के बागी नेता काफी संख्या में सिद्धू के मोर्चे का दामन थाम सकते हैं। मोर्चा को लेकर सिद्धू, परगट सिंह और बैंस बंधुओं की नई दिल्ली में पहले ही बैठक हो चुकी थी।
सूत्र बताते हैं कि सिद्धू के मोर्चा में अन्य दलों के असंतुष्ट नेता भी शामिल हो सकते हैं। सबकी नजर आम आदमी पार्टी के पंजाब कन्वीनर के पद से हटाए गए सुच्चा सिंह छोटेपुर पर भी है।