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सेरोगेट बच्ची को लेकर सुषमा ने ब्रिटिश सरकार से पूछे सवाल

Sushma asked questions to british govt on sarogate baby facing orphanage सेरोगेट बच्ची को लेकर सुषमा ने ब्रिटिश सरकार से पूछे सवाल

नई दिल्ली। मेडिकल वीजा लेकर कुछ समय पहले ब्रिटेन का एक दंपति मुंबई आ तो गया लेकिन अब वो अपनी बच्ची को आनाथालय में छोड़कर वापस अपने वतन लौटने के लिए मजबूर है। महज 3 महीने की लिली अभी अपनी मां मिशैल के साथ बहुत खुश है इस बात से अंजान की उसके सिर ये ममता का साया ब्रिटिश सरकार की वजह से जल्द ही छिन जाएगा और वह अनाथ हो जाएगी। दरअसल, ब्रिटेन से एक दंपत्ति क्रिस और मिशैल भारत आए थे और मुंबई में उन्हें सेरोगेसी के जरिए एक बेटी लिली हुई थी। लेकिन अब ऐसी खबरें आ रही है कि वो अपनी बेटी को अपने साथ ब्रिटेन नहीं ले जा सकते क्योंकि ब्रिटिश सरकार की तरफ से अभी तक दंपत्ति को उसका वीजा नहीं मिला है जिसके चलते बच्ची का अपने माता-पिता के साथ जाना मुश्किल दिख रहा है।

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वहीं हमेशा से लोगों की सहायता के लिए आगे आने वाली विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस दंपत्ति की समस्या को ट्विटर पर उठाते हुए लिखा, क्या किसी सेरोगेट बेबी की किस्मत में अनाथालय होना चाहिए? साथ ही ब्रिटिश सरकार पर सवाल उठाते हुए लिखा कि ब्रिटेन में कॉमर्शियल सेरोगेसी पर प्रतिबंध है। क्या ब्रिटिश सरकार इस सेरोगेट बच्ची को पासपोर्ट देगी? इसके साथ ही विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा नए सेरोगेसी बिल की आलोचना करने वालों लोगों से सवाल पूछते हुए लिखा, कॉमर्शियल सेरोगेसी की वकालत करने वाले अब इस मसले का कोई हल बता सकते हैं और इस बच्ची की सहायता कर सकते हैं?

 

हालाकि बेटी को पासपोर्ट न मिलने की खबर के आते ही ब्रिटिश दंपत्ति क्रिस और मिशैल ने अपने वीजा की डेट को आगे बढ़वा लिया है लेकिन उसकी अंतिम तारीख भी 7 अक्टूबर है। इन सब के बीच भारतीय अधिकारियों ने दंपत्ति से कहा है कि अगर वो अपनी 3 महीने की बच्ची के साथ अपने वतन वापस जाना चाहते हैं तो उन्हें सारे दस्तावेज 7 अक्टूबर तक देने होंगे। वहीं ब्रिटिश वाणिज्य दूतावास से ऐसी खबरें आ रही है कि शायद तब तक इस ब्रिटिश दंपत्ति को अपनी बेटी के सभी दस्तावेज न मिल पाए।

बता दें कि 24 अगस्त 2016 को केंद्रीय कैबिनेट ने सेरोगेसी बिल 2016 को मंजूरी दे दी थी जिसके तहत किराए की कोख वाली मां के अधिकारों की रक्षा के उपाय किए गए हैं और इस तरह के बच्चों के माता-पिता को कानूनी मान्यता देने का फैसला लिया गया है और कॉमर्शियल सेरोगेसी पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है। सिर्फ उन कपल्स को ही सेरोगेसी की अनुमति मिलेगी जिन्हें वाकई संतान पैदा करने में समस्या होगी।

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