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राष्ट्रीय शिक्षक दिवसः शिक्षक राष्ट्रीय विकास के प्रमुख कर्णधार हैं-वेंकैया नायडू

01 96 राष्ट्रीय शिक्षक दिवसः शिक्षक राष्ट्रीय विकास के प्रमुख कर्णधार हैं-वेंकैया नायडू

उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने बीते रोज 5 सितम्बरको ‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2017 बितरण समारोह’ में कहा कि बुनियादी तौर पर शिक्षा मातृ भाषा में होनी चाहिए, मूल्यों को अंगीकार किया जाता है। शिक्षक अपने आचरण से उदाहरण प्रस्तुत करें।गौरतलब है कि  शिक्षक दिवस पर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2017 प्रदान किए गए हैं।

 

01 96 राष्ट्रीय शिक्षक दिवसः शिक्षक राष्ट्रीय विकास के प्रमुख कर्णधार हैं-वेंकैया नायडू
राष्ट्रीय शिक्षक दिवसः शिक्षक राष्ट्रीय विकास के प्रमुख कर्णधार हैं-वेंकैया नायडू

नायडू ने कहा है कि शिक्षक राष्ट्रीय विकास के प्रमुख कर्णधार हैं

उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने कहा है कि शिक्षक राष्ट्रीय विकास के प्रमुख कर्णधार हैं, और बुनियादी शिक्षा मातृ भाषा में दी जानी चाहिए।नायडू बीते रोज शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2017 बितरण समारोह में प्रदान किए जाने के बाद उपस्थितजनों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मानव संसाधान विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और मानव संसाधान विकास राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा सहित अन्य विशिष्टजन मौजूद थे।

शिक्षकों की बदौलत हमारी शिक्षा प्रणाली स्थिर गति से उत्कृष्टता की ऊंचाईयों तक बढ़ रही-उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति ने कहा कि आप शिक्षकों की बदौलत हमारी शिक्षा प्रणाली स्थिर गति से उत्कृष्टता की ऊंचाईयों तक बढ़ रही है।आपके शानदार योगदान को मानते हुए सरकार न सिर्फ आपको मान्यता देती है बल्कि आपको प्रतिबद्धता, उत्कृष्टता और कर्तव्यपरायणता का प्रतीक समझती है।उपराष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया के सभी देश भारत को विश्व गुरु मानते है। उन्होंने कहा कि ज्ञान और विद्या के क्षेत्र में हमारा योगदान हजारों वर्ष पुराना है।

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने पेरु के राष्ट्रपति से की मुलाकात

मूल्यों को अंगीकार करना होता है-उपराष्ट्रपति

कहीं ना कहीं,आज बच्चों, युवाओं और वयस्कों को बेहतर शिक्षा प्रदान करना हमारे लिए एक चुनौती है।नायडू ने कहा कि आज के समय में हमें अपनी मानसिकता में बदलाव लाना होगा और ऐसा माहौल तैयार करना होगा जहां मूल्यों और शिक्षकों के प्रति सम्मान की भावना हो। उन्होंने कहा कि मूल्यों को अंगीकार करना होता है और शिक्षकों को अपने आचरण के जरिए अपने छात्रों में समानता, लोकतंत्र, शांति जैसे मूल्यों को निरूपित करना चाहिए।

महेश कुमार यदुवंशी

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