Breaking News featured दुनिया देश भारत खबर विशेष यूपी वीडियो

लालकिले से पीएम: जीएसटी, नोटबंदी सहित अनुच्छेद 370 पर मोदी ने बेबाकी से रखे विचार

PM modi lalqui8la delhi लालकिले से पीएम: जीएसटी, नोटबंदी सहित अनुच्छेद 370 पर मोदी ने बेबाकी से रखे विचार
  • संवाददाता, भारत खबर

नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के लालकिले से अपने अभिभाषण के दौरान देश के नागरिकों को संबोधित करते हुए अनेक विषयों पर प्रकाश डाला और बताया कि देश की तरक्की के लिए कड़े निर्णय लेने जरूरी हो गए थे। उन्होंने कई उदाहरणों के द्वारा यह बताने का पूरा प्रयास किया कि उनका निर्णय देशहित में थे और सभी को बेहतर बनाने वाले भी।

स्वतंत्रता दिवस को देखते हुए दिल्ली समेत पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था के चाक चौबंध इंतजाम किए गए हैं। राजधानी दिल्ली समेत देश के तमाम बड़े शहरों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। जम्मू कश्मीर में भी विशेष तौर पर सुरक्षाबलों को मुस्तैद रहने को कहा गया है। इसके साथ ही एलओसी पर भी सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा- जीएसटी के जरिए हमने एक देश एक टैक्स के सपने को साकार किया। इसी तरह ऊर्जा के क्षेत्र में एक राष्ट्र-एक ग्रिड इस काम को सफलता पूर्व पार किया। इसी तरह एक राष्ट्र एक मोबिलिटी कार्ड व्यवस्था को लागू किया। इसी तरह देश में आज चर्चा चल रही है एक राष्ट्र एक चुनाव। लोकतांत्रिक तरीके से इस पर चर्चा होनी चाहिए। कभी ना कभी एक भारत श्रेष्ठ भारत के सपने को पूरा करने के लिए और भी ऐसी नई चीजों को हमें जोड़ना होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा- जो लोग 370 के पक्ष में वकालत करते हैं उनसे देश पूछ रहा है कि ये अगर ये अनुच्छेद इतना महत्वपूर्ण था तो 70 साल तक प्रचंड बहुमत होने के बाद भी उसे स्थायी क्यों नहीं किया, अस्थाई क्यों बनाए रखा। अगर इतना ही भरोसा है तो आगे आकर इसे स्थाई कर देते। इसका मतलब है कि आपको भी पता है कि जो हुआ है वो सही नहीं हुआ है लेकिन सुधार करने की आपमें हिम्मत और इरादा नहीं था। मेरे लिए देश का भविष्य ही सबकुछ है राजनीतिक भविष्य कुछ नहीं है। सरदार पटेल जैसे महापुरुषों ने कठिन समय में भी फैसले लिए, लेकिन अनुच्छेद 370 के कारण कुछ रुकावटें भी आईं। आज जब लाल किले से मैं देश को संबोधित कर रहा हूं तो मैं गर्व के साथ कहता हूं कि आज हर हिंदुस्तानी गर्व के साथ कह सकता है- एक देश, एक संविधान।

प्रधानमंत्री ने कहा- जम्मू कश्मीर और लद्दाख के नागरिकों की आशा, आकांक्षा पूरी हो यह हामारा दायित्व है। उनके सपनों को नए पंख मिले, ये हमारी जिम्मेदारी है। 130 करोड़ देशवासियों को इस जिम्मेदारी को उठाना है। पिछले 70 साल में इन व्यवस्थाओं ने अलगाववाद को बल दिया है, आतंकवाद को जन्म दिया, परिवारवाद को पोसा है और एक प्रकार से भ्रष्टाचार और भेदभाव की नींव को मजबूती देने के काम किया। इसलिए वहां की महिलाओं को अधिकार मिले, दलितों को अधिकार मिले। देश के जनजातीय समूह को मिलने वाले अधिकार वहां के लोगों को भी मिलने चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा- अनुच्छेद 370 और 35 ए, इस सरकार की पहचान है कि हम ना तो समस्याओं को टालते हैं ना ही पालते हैं। जो काम पिछले सत्तर साल में नहीं हुआ, नई सरकार बनने के 70 दिन के भीतर यह काम किया गया। संसद के दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत से पास किया गया है। इसका मतलब है कि सबके दिल में कहीं ना कहीं ये बात पड़ी थी लेकिन आगे कौन आए, इसी का इंतजार था। देशवासियों ने मुझे यह कामन दिया, आपने जो काम दिया है उसी को करने के लिए आया हूं, मेरा अपना कुछ नहीं है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- जब समाधान हो, संकल्प हो, सामर्थ हो तो सफलता के आड़े कुछ नहीं आ सकता है। आज देश उस स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ने के लिए दृढ़निश्चयी है। जब समस्याओं का सामधान टुकड़ों में नई देखना चाहिए, हमें समस्याओं को जड़ों से खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए। हमारी मुस्लिम बहनों के सिर पर तीन तलाक की तलवार लटकती थी। वे कभी तीन तलाक की शिकार ना हुई लेकिन कभी भी इसकी शिकार हो सकती है, इसका डर उन्हें जीने नहीं देता था।

दुनिया के कई इस्लामिक देशों ने हमसे पहले इसे खत्म कर दिया। लेकिन किसी ना किसी कारण से मुस्लिम महिलाओं को हक देने में हम हिचकिचाते थे। जब हम सती प्रथा, भ्रूण हत्या और दहेज प्रथा के खिलाफ कानून बना सकते हैं तो क्यों ना हम तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाएं। इसलिए लोकतंत्र की भावना को समझते हुए मुस्लिम महिलाओं को समान अधिकार देने के लिए हमने इस महत्वपूर्ण निर्णय को किया। ऐसे फैसले राजनीतिक की तराजू से तौलने के निर्णय नहीं होते हैं, ये सदियों तक महिलाओं के जीवन की गारंटी देते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- चुनाव में मैंने देखा, ना कोई राजनेता चुनाव लड़ रहा था और ना कोई पार्टी चुनाव लड़ रही थी। ना मोदी चुनाव लड़ रहा था ना मोदी के चुनाव लड़ रहे थे, देश की जनता जनार्दन चुनाव लड़ रही थी। 130 करोड़ देशवासी अपने भविष्य के लिए चुनाव लड़ रहे थे।

Related posts

देश के तीन सबसे बड़े संवैधानिक पर बैठे बीजेपी के नुमाइंदे

Pradeep sharma

लखनऊः खदरा के नानक शाही मठ को भी मिला धमकी भरा पत्र, पुलिस ने कही ये बात

Shailendra Singh

कौशल विकास व आईआईएम बेंगलोर ने शुरू किया महात्‍मा गांधी राष्‍ट्रीय फेलोशिप कार्यक्रम

Trinath Mishra