देश में बेकाबू होती कोरोना की रफ्तार रुकने का नाम ही नहीं ले रही। रोजाना सभी राज्य में covid-19 के रिकॉर्ड तोड़ मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि केंद्र और राज्य सरकार दोनों की ओर से एहतियात कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन उनका कोई असर होता दिखाई नहीं दे रहा है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में बीते 24 घंटे में डेढ़ लाख से अधिक नए कोरोना मामले सामने आए हैं। इसी के साथ देश में सक्रिय मामलों का आंकड़ा 5.90 लाख के पार हो गया है।
डब्ल्यूएचओ की लॉकडाउन पर क्या है राय
भारत जैसी स्थिति पूरे विश्व की बनी हुई है। जहां एक बार फिर से कोरोना के मामलों में काफी तेजी से इजाफा देखने को मिल रहा है। ऐसे में लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं, कि क्या एक बार फिर से कोरोना बेकाबू हो गया है? एक बार फिर लॉकडाउन लागू होगा? क्या एक बार फिर लोगों के काम धंधे चौपट हो जाएंगे? क्या घर में एक बार फिर क़ैद होना पड़ेगा? ऐसे कई सवाल आज सभी के मन में आ रही है लेकिन इन सवालों का जवाब देते हुए डब्ल्यूएचओ यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन के चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथ ने बयान जारी करते हुए कहा है कि लॉकडाउन कोई समाधान नहीं है। उनके मत के अनुसार कोरोना संक्रमण और अलग-अलग वैरीअंट को लेकर अब पूरी दुनिया में समझ पैदा हो चुकी है। वही वैज्ञानिकों को भी पता चल चुका है कि आखिर इस बीमारी से कैसे सामना करना है। साथ ही पहले की तुलना में अब लोग भी अधिक जागरूक है। ऐसे में लॉकडाउन नहीं लगा चाहिए।
फिलहाल दिल्ली में नहीं लगेगा लॉकडाउन
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से यह साफ कर दिया है कि फिलहाल दिल्ली में लॉकडाउन नहीं लगेगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि राजधानी में कोरोना की स्थिति काफी खराब है। मगर हमारी लॉकडाउन की कोई मंशा नहीं है। लेकिन आप सभी को पूरा सहयोग देना होगा और कोविड-19 के नियमों का सख्ती से पालन करना पड़ेगा। वही केजरीवाल ने पिछले साल डेल्टा वैरीअंट के दौरान आई दूसरी लहर के बारे में बताते हुए कहा कि उस दौरान भी इतने अधिक के सामने आ रहे थे लेकिन उस दौरान मौत का आंकड़ा काफी अधिक था राहत की बात यह है कि इस दौरान संक्रमण की संख्या तो अधिक है। लेकिन संक्रमण का अत्यधिक प्रभाव नहीं है और दिल्ली में अभी भी अस्पतालों में बेड खाली पड़े हुए हैं। जिससे साफ है कि कोरोना कि यह लहर अधिक घातक नहीं है।
महाराष्ट्र में भी लॉकडाउन लागू करने की नहीं है कोई प्लानिंग
वही महाराष्ट्र सरकार ने भी नए प्रतिबंधों को लागू करते हुए 5 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही सार्वजनिक वाहन का इस्तेमाल करने वाले लोगों पर वैक्सीन के दोनों डोज लगवाना अनिवार्य कर दिया है। इसके अलावा राज्य में 15 फरवरी तक सभी स्कूल और कॉलेज बंद है। वहीं 50% क्षमता के साथ शॉपिंग मॉल मार्केट कंपलेक्स खोलने की अनुमति दी गई है। वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि मैं एक बार फिर दोहराता हूं कि हम अनावश्यक भीड़ को कम करना चाहते हैं लेकिन कोई लाभ डाउन नहीं लगाना चाहते।
लॉकडाउन को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार का क्या है विचार
छत्तीसगढ़ में भी कोरोना की रफ्तार दुगनी हो गई है वही इस राज्य में सबसे अधिक प्रभावित सुकमा जिला है। वहीं प्रदेश में बढ़ रही संक्रमण दर और लॉकडाउन को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बयान जारी करते हुए कहा है कि प्रदेश में अभी लॉकडाउन की जरूरत नहीं है सरकार की ओर से संक्रमण को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। यदि लॉकडाउन लगता है, तो देश प्रदेश के आंकड़ों का अध्ययन किया जाएगा, हालांकि आर्थिक गतिविधियां नहीं रोकी जाएंगी।
तमिलनाडु में रविवार से लागू है संपूर्ण लॉकडाउन
ओमिक्रोन और डेल्टा वेरिएंट के चलते तमिलनाडु में बेकाबू होती कोरोना संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए तमिलनाडु सरकार ने रविवार से संपूर्ण लॉकडाउन लगा दिया है। आपको बता दें तमिलनाडु देश का पहला राज्य है जिसने लॉक डाउन की घोषणा की है। हालांकि संक्रमण को रोकने के लिए तमिलनाडु सरकार ने पहले नाइट कर्फ्यू की घोषणा की थी। लेकिन बढ़ते संक्रमण के डर से कई अन्य पबंदियों के साथ रविवार यानी आज से तमिलनाडु में संपूर्ण लाभ डाउन लागू हो चुका है।