अफगानिस्तान में जब से तालिबानियों का कब्जा हुआ है तब से वहां के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। हर कोई वहां से निकलना चाहता है। ऐसे में जब से अमेरिकी सैनिकों ने वापसी की है तब से काबुल सहित पूरे अफगान पर तालिबानियों का कब्जा हो गया है।
दुनिया के सबसे गरीब देशों में अफगान
अफगानिस्तान पहले से ही दुनिया के सबसे गरीब देशों में एक है। मौजूदा राजनीतिक अस्थिरता के कारण और चार दशकों के युद्ध की तबाही की वजह से देश में 72 फीसदी लोग गरीबी रेखा से नीचे पहुंच गए हैं। पिछले कुछ दिनों में अफगानिस्तान में खाने-पीने की चीजें बहुत महंगी हो गई हैं। जिससे लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
हर चीज के दाम हुए 50 प्रतिशत महंगे
तालिबान के कब्जे के बाद से अफगान में चीजें करीब 50 प्रतिशत महंगी हो चुकी हैं। जबकि पेट्रोल की कीमतों में 75 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। ऐसे में अगर हालातों पर काबू नहीं पाया गया तो आने वाले समय में अफगान में भूखमरी की समस्या पैदा हो सकती है।
संयुक्त राष्ट्र ने दी चेतावनी
एक तरफ जहां तालिबान अपनी सरकार बनाने की तैयारी कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ देश पर खाद्यान्न संकट मंडरा रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि अफगानिस्तान में एक महीने के अंदर खाने का संकट पैदा हो सकता है। हर तीन में से एक व्यक्ति को भूख का सामना करना पड़ सकता है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, अफगानिस्तान के आधे से ज्यादा बच्चे इस वक्त खाने को तरस रहे हैं।
अब तक इतने लाख लोगों ने छोड़ा घर
तालिबान के हिंसा के कारण अब तक 5 लाख से ज्यादा लोग अपना घर-बार छोड़कर दूसरे देशों में शरण ले चुके हैं। ऑफिस फॉर द कॉर्डिनेशन ऑफ ह्यूमैनटेरियन अफेयर्स के मुताबिक अकेले जुलाई में, अफगानिस्तान में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की संख्या पिछले महीने की तुलना में लगभग दोगुनी हो गई।