नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के लीला होलट में जैगुआर एडवरटाइजिंग एंड मीडिया सोलूशन्स और इंडिया मैंडारिंस एवं इंडिया कोर द्वारा नार्थ-ईस्ट डेवलपमेंट कॉन्क्लेव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मकसद देश के सभी राज्यों को पूर्वोत्तर के सभी हिस्सों से जोड़े रखने के लिए किया गया था, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम में निवेशको द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दिया गया और पर्वोत्तर के संबंध में जानकारी उपलब्ध करवाई गई। इस कार्यक्रम में बताया गया कि जो निवेशक निवेश या फिर व्यापार करना चाहते हैं उनके लिए पूर्वोत्तर राज्य बेहद लाभकारी साबित होंगे। इस कॉन्क्लेव के आयोजन का असल मकसद पूर्वोत्तर में निवेश को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम से पहले निवेशकों से अनुरोध किया गया था कि वो ज्यादा से ज्यादा संख्या में यहां पधारे और देश के पूर्वोत्तर को भी भारत के अन्य भागों से जोड़ने में मदद करे।
साथ ही पूर्वोत्तर में व्यापार की संभावनाएं बनाए और उसका लाभ प्राप्त करें। कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति भवन के ज्वॉइंट कमीश्नर रोबिन हिबू ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हमारा देश बहुत बड़ा है और हम चाहते हैं कि विकास देश के हर हिस्से तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के लोगों को भारतीय न समझना एक बुहत ही दुखत बात है। उन्होंने कहा कि हर किसी को उत्तर पूर्व के बारे में जानना चाहिए क्योंकि वो भी हमारे देश का अहम हिस्सा है।
हिबू ने कहा कि पूर्वोत्तर की जानकारी लोगों को सिर्फ रेडियों या फिर टीवी से न मिले बल्कि एनसीआरटी की किताबों में भी पूर्वोत्तर का जिक्र होना चाहिए। क्मयूनिकेशन को डेवल्प कर दिल्ली-हरियाणा वालों को पूर्वोत्तर में भेजेंगे तभी लोगों को पता चलेगा कि पूर्वोत्तर भी हमारे देश का अभिन्न अंग है। रोबिन ने मजाकिया अंदाज में कहा कि जब हम वर्दी में नहीं होते तो आप लोग समझेंगे कि हम कोरियन या नेपाली है,लेकिन जब हम वर्दी में होते हैं तो सब कहते कि हां ये भारतीय है।