भर्तियों पर घोटाले होना अब आम बात हो गई है । इसके मामले लगातार सामने आते जा रहें हैं ।
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यह है मामला
आयोग से इस्तीफा देने के बाद अध्यक्ष एस राजू काफ़ी नाराज़ नजर आए। उनका कहना है कि वह विजिलेंस को छह बार पत्र भेज चुके हैं, लेकिन विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज करने के अलावा कोई कार्रवाई छह साल में नहीं की। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के चेयरमैन ने जो सवाल उठाए हैं। वह ज्यादा गंभीर है।
आपको बता दें कि साल 2016 में हुई वीपीडीओ भर्ती में ओएमआर शीट से छेड़छाड़ की जांच फॉरेंसिक लैब को भेजी गई थी। लैब ने अपनी रिपोर्ट में यह स्पष्ट कर दिया था कि परीक्षा के बाद ओएमआर शीट में छेड़छाड़ की गई थी। मामले की विजिलेंस जांच बैठाई गई थी लेकिन छह साल में विजिलेंस ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
एस राजू की माने तो उन्होंने इस मामले में करीब छह बार विजिलेंस के अधिकारियों को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। बावजूद इसके विजिलेंस मुकदमा दर्ज करने के अलावा कोई कार्रवाई अमल में नहीं ला पाई है। उन्होंने कहा कि यह विजिलेंस की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर रहा है।
उन्होंने कई मामलों में एफआईआर दर्ज कराई हैं। फॉरेस्ट गार्ड भर्ती में तो ब्लूटूथ से पेपर लीक करने के बाद कई मुकदमे हुए थे लेकिन पुलिस ने अपने स्तर से ही कार्रवाई की। आयोग से कोई जानकारी साझा नहीं की गई। कई और मुकदमों में पुलिस ने सुस्ती दिखाई। बताया जाता है कि इस मामले में अब आयोग के पूर्व अधिकारियों पर भी शिकंजा कसा जा सकता है।