राजधानी दिल्ली में अभी भी प्रदूषण के स्तर में सुधार नहीं आया है। आज के एयर क्वालिटी इंडेक्स की बात करें तो आज भी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर गंभीर स्थिति में है। इसके बावजूद भी दिल्ली सरकार ने स्कूलों को फिर से खोल दिया है। जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्कूल खोले जाने पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से सीएनजी बसों को लेकर भी सवाल किया है। आपको बता दें इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नियमों का पालन करते हुए टास्क फोर्स गठित करने के निर्देश दिए थे।
17 वर्षीय छात्र आदित्य दुबे ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की है याचिका
आपको बता दें दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर 17 वर्षीय छात्र आदित्य दुबे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। जिस पर लगातार सुनवाई जारी है। वही सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को वायु प्रदूषण नियंत्रण के उपायों और क्रियान्वयन को लेकर गंभीर योजना बनाने के लिए 24 घंटे की समय सीमा दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की फटकार लगाते हुए दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील एएम सिंघवी से मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने कहा कि हम आक्रमक रूप से देख रहे हैं। हमें बताया गया है कि स्कूल बंद है! लेकिन स्कूल लगातार जारी है। 3 से 4 साल के बच्चों को भी स्कूल भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा अगर आप आदेश चाहते हैं तो हम किसी और की नियुक्ति कर सकते हैं। न्यायाधीश ने आगे कहा कि बड़े लोग work-from-home कर रहे हैं, लेकिन बच्चों को स्कूल जाना पड़ रहा है। वहीं न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि किसी भी चीज का सख्ती से पालन नहीं किया जा रहा।
‘कार का इंजन बंद करें’ अभियान पर ही लगाई फटकार
वही सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने युवाओं द्वारा लगातार दिल्ली सरकार की ओर से जारी अभियान पर भी फटकार लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार की ओर से कुछ युवा सड़क पर खड़े होकर रेड लाइट पर ‘कार का इंजन बंद करें’करने का संदेश दे रहे हैं युवाओं के हाथ में जो पोस्टर है उस पर सीएम केजरीवाल की फोटो है। यह सही नहीं है।