NFHS- 5 || मिसिंग वूमेन की तोहमत झेल रहे भारत के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है। जहां अभी तक देश की आबादी में हमेशा से महिलाओं के मुकाबले पुरुष की संख्या अधिक रही है। वहीं इस बार आंकड़े कुछ और ही दिखा रहे हैं। इस बार के आंकड़ों के मुताबिक भारत में पहली बार पुरुषों की आबादी की तुलना में महिलाओं की आबादी अधिक पाई गई है।
‘नेशनल फैमिली एंड हेल्थ सर्वे’ द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में अब प्रति हजार पुरुषों की तुलना में महिलाओं की आबादी 1020 हो गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बुधवार को NFHS-5 के आंकड़े जारी किए हैं।
Union Health Ministry released the findings of NFHS-5 Phase-II today.https://t.co/jqyGXG7Bhk pic.twitter.com/jVqIvn69kJ
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) November 24, 2021
शहरों से बेहतर है गांव का लिंगानुपात
आपको बता दें 2015-16 के नेशनल फैमिली एंड हेल्थ सर्वे-4 (NFHS-4) के आंकड़ों के मुताबिक प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की आबादी 991 थी। वही ताजा आंकड़ों के मुताबिक हजार बच्चों पर 929 बच्चियां है। वही 2015-16 में प्रति हजार बच्चों पर 919 बच्चियां थी।
अगर लिंग अनुपात को शहरों और गांवों में विभाजित किया जाए तो शहरों में प्रति हजार पुरुषों पर 985 महिला आबादी है। जबकि गांव में प्रति हजार पुरुष पर 1037 महिला आबादी है। ऐसे में साफ जाहिर होता है कि शहरों की तुलना में गांव का लिंग अनुपात ज्यादा बेहतर है।
देश में पिछले कई सालों में क्या रहा लिंगानुपात
भारत काफी लंबे समय से मिसिंग वूमेन की तोहमत झेल रहा है। आपको बता दें नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने 1990 में एक लेख में भारत में कम हो रही महिलाओं की आबादी के लिए मिसिंग वीमेन शब्द का प्रयोग किया था। और लग भी यही रहा था कि भारत में कभी भी महिला और पुरुष लिंग अनुपात बराबर हो सकेगा। लेकिन बदलते समय के साथ भारत में भी धीरे-धीरे कई चीजें पतली और देश में महिलाओं की आबादी में भी वृद्धि हुई। आंकड़ों की बात करें तो 1990 के दौरान प्रति हजार पुरुष की तुलना में महिलाओं की आबादी 927 थी। 2005-06 के बीच इन आंकड़ों में काफी सुधार आया और महिला और पुरुषों की आबादी बराबर हो गई। यानी प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की आबादी थी प्रति हजार थी। हालांकि 2015 – 16 के आंकड़ों में काफी गिरावट दर्ज की गई और इस वक्त प्रति हजार पुरुष की तुलना में 991 महिलाओं की आबादी दर्ज की गई। और अब ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में प्रति हजार पुरुषों की तुलना में महिला आबादी 1020 तक पहुंच गई है। जो भारत के लिए एक बहुत बड़ी बात है।
प्रजनन दर में आई गिरावट
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के ताजा आंकड़ों में एक बात यह भी निकल कर सामने आई है। कि अब प्रजनन दर में काफी कमी हुई है। सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक औसतन एक महिलाके दो बच्चे हैं। जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार भी कम है। साथ ही प्रजनन दर का घटना का प्रभाव भारत की आबादी पर भी सीधा पड़ेगा। जिसका सही अनुमान अगली जनगणना से ही पता चलेगा।