आज ही के दिन 1949 में संविधान सभा ने भारतीय संविधान को अंगीकार किया था। जिस संविधान को दो महीने बाद 26 जनवरी 1950 से लागू किया गया था और भारत सम्पूर्ण प्रभुत्व- संपन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य बना था।
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आपको बता दें कि संविधान की मूल प्रति हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में बनी है । कलाकार नंदलाल बोस और उनके साथियों ने संविधान की मूल प्रति की साज सज्जा की थी। सारनाथ में मिले अशोक स्तंभ के शीर्ष को भारत के राजचिन्ह के तौर पर संविधान के पहले पन्ने पर जगह मिली। सत्यमेव जयते के घोष के साथ, प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने कैलिग्राफी में संविधान को पन्नों पर उकेरा ।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय संविधान दिवस को राष्ट्रीय कानून दिवस और भारतीय संविधान दिवस के नाम से भी जाना जाता है। 26 नवंबर 1949 को देश की संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को विधिवत रूप से स्वीकार किया था। लेकिन इसे स्वीकार किए जाने के दो महीने बाद यानी 26 जनवरी 1950 को इस संविधान को लागू किया गया था। इसी कारण 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
संविधान का इतिहास
हमारा यानि भारत देश के संविधान को तैयार करने में करीब 2 साल 11 महीने 18 दिन का समय लगा था। सबसे पहले इसमें 2000 से अधिक संशोधन किए गए थे। भारतीय संविधान के बारे में अगर कुछ कहा जाए तो यह बहुत लंबा संविधान है। हमारे संविधान में 395 अनुच्छेद, 22 खण्ड और 8 अनुसूचियां हैं। संविधान में कुल 1,45,000 शब्द हैं, जो कि पूरे विश्व में सबसे लंबा अपनाया गया संविधान है। हालांकि इस समय हमारे संविधान में 470 अनुच्छेद, 25 खण्ड और 12 अनुसूचियों के साथ-साथ 5 परिशिष्ट भी हैं।