देश के सबसे अधिक लोकसभा सीटों वाले सूबे उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा महागठबंधन की शनिवार को साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। इसके लिए अभी तक गठबंधन के एक दूसरे दल ‘राष्ट्रीय लोकदल’ को इसमें शामिल होने के लिए नहीं बुलाया गया है। लेकिन खबर के मुताबिक राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी कल राजधानी लखनऊ में रहेंगे। गठबंधन के मुख्य दलों के दोनों नेताओं से मुलाकात भी कर सकते हैं। बता दें कि राष्ट्रीय लोकदल ने छह सीटों की मांग की है। जबकि महागठबंधन उनको दो से तीन सीटें देने के लिए विचार कर रहा है।
इसे भी पढ़ें-कांग्रेस को बड़ा झटका, सपा-बसपा के गठबंधन में कांग्रेस को नहीं मिली जगह!
आपको बता दें कि राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) प्रमुख अजित सिंह ने कहा कि हम महागठबंधन के हिस्सा हैं। लेकिन अब तक सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है। कांग्रेस को साथ लेने का फैसला मायावती जी और अखिलेश जी लेंगे। खबर के अनुसार आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने बताया है कि पार्टी उपाध्यक्ष जयंत चौधरी कल शनिवार को लखनऊ पहुंचेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि अभी तक महागठबंधन के नेताओं की साझा प्रेस कांफ्रेस में आने का न्यौता नहीं मिला है। अगर न्यौता मिलता है तो वह प्रेस कॉन्फ्रेंस में जरूर जाएंगे।
इसे भी पढ़ें-मायावती का बड़ा ऐलान, 2019 का आम चुनाव मिलकर लड़ेगी सपा-बसपा
सपा और बसपा के इस महागठबंधन में रालोद को दो से तीन लोकसभा सीटें देने पर विचार किया जा सकता है। मंगलवार को आरएलडी उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से उनके कार्यालय में मुलाकात भी की थी। अबमद ने बताया है कि ”पार्टी महागठबंधन का हिस्सा है और पार्टी नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव में 6 सीटों की मांग की है। ये सीटें बागपत, मथुरा, मुजफ्फरनगर, हाथरस, अमरोहा और कैराना।”
मसूद अहमद ने कहा कि कैराना लोकसभा सीट तो रालोद के पास पहले ही है। अब पांच सीटों की और मांग की गई है। इस बारे में फैसला पार्टी के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती की बातचीत के बाद लिया जाएगा। रालोद उपाध्यक्ष चौधरी ने अखिलेश से मुलाकात के बाद कहा था कि अखिलेश के साथ राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा हुई। हालांकि सीटों के बंटवारे पर चौधरी ने कहा कि इस पर मीडिया को बेचैनी है। उन्होंनें गठबंधन में सीटों के बटवारों को लेकर बने सस्पेंस के सवाल को टाल दिया।