हिमाचल प्रदेश में सोलन जिले के परवाणू स्थित टिंबर ट्रेल रोपवे में 11 लोग फंस गए। हालांकि इन सभी का रस्सी के सहारे रेस्क्यू कर लिया गया है और सभी सुरक्षित हैं।
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आपको बता दें कि यह ट्रॉली पांच घंटे से भी ज्यादा समय तक 120 फीट ऊंचाई पर अटकी रही। जिसके कारण रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान शिमला-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक रोक देने की वजह से दोनों तरफ लंबा जाम लग गया।
रेस्क्यू करने के बाद निकाले गए लोगों के स्वास्थ्य जांच की गई। वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर खुद मौके पर पहुंचे और सभी से मुलाकात की ।
ट्रॉली में फंसे लोग दिल्ली के रहने वाले थे। इनमें कई बुजुर्ग भी थे, जो रस्सी के जरिए उतरने में घबराहट महसूस कर रहे थे। हालांकि इससे पहले भी अक्टूबर 1992 को कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर स्थित टिंबर ट्रेल में 11 सैलानी फंसे थे। इनमें एक बच्चा भी शामिल था। उस दौरान एक ट्राली अटेंडेंट गुलाम हुसैन ने जान बचाने के लिए छलांग लगा दी थी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी।
टिंबर ट्रेल में फंसे थे ये लोग
टिंबर ट्रेल में कुल 11 लोग फंसे थे। इनमें 6 पुरुष और 5 महिलाएं है। माडल डाउन दिल्ली की 51 वर्षीय कनिका शर्मा, आदर्शनगर दिल्ली की 47 वर्षीय अंजु शर्मा, विवेक बिहार दिल्ली की 51 साल की डिंपल गोयल, विवेक बिहार दिल्ली के 52 साल के आनंद गोयल, आनंद बिहार दिल्ली की 52 वर्षीय शीतल गुप्ता, आदर्शनगर दिल्ली की 54 वर्षीय रीता गोयल, आदर्शनगर दिल्ली के ही 50 वर्षीय राजेश गर्ग, टैगोर रोड आदर्श नगर दिल्ली के 57 वर्षीय मनोज गोयल, आनंद बिहार दिल्ली के 55 वर्षीय गोपाल गुप्ता, डेरावाल नगर माडल डाउन दिल्ली के 49 वर्षीय प्रवीन गर्ग और दिल्ली के ही चिराग शामिल है।