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Happy Vishwakarma : ब्रह्मांड के निर्माता है भगवान विश्वकर्मा , ऐसे करें पूजा और जानें कैसे हुआ विश्वकर्मा का जन्म

vishwakarma puja Happy Vishwakarma : ब्रह्मांड के निर्माता है भगवान विश्वकर्मा , ऐसे करें पूजा और जानें कैसे हुआ विश्वकर्मा का जन्म

 

आज विश्वकर्मा जयंती है । इस दिन वास्तुकला और देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की पूजा का विधान है ।

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भगवान विश्वकर्मा को सबसे पहला इंजीनियर माना जाता है । इस दिन फैक्ट्रियों, संस्थानों, दुकानों में औजारों और मशीनों, कार्य में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों की पूजा की जाती है।

Vishwakarma Puja 2020 date Happy Vishwakarma : ब्रह्मांड के निर्माता है भगवान विश्वकर्मा , ऐसे करें पूजा और जानें कैसे हुआ विश्वकर्मा का जन्म

विश्वकर्मा पूजा एक ऐसा त्योहार है जहां शिल्पकार, कारीगर, श्रमिक भगवान विश्वकर्मा का त्योहार मनाते हैं। कहा जाता है कि हिंदू भगवान ब्रह्मा के पुत्र विश्वकर्मा ने पूरे ब्रह्मांड का निर्माण किया था। विश्वकर्मा को देवताओं के महलों का वास्तुकार भी कहा जाता है। विश्वकर्मा शिल्पशास्त्र के आविष्कारक और सर्वश्रेठ ज्ञाता माने जाते हैं । जिन्होने विश्व के प्राचीनतम तकनीकी ग्रंथों की रचना की थी। इन ग्रंथों में न केवल भवन वास्तु विद्या, रथ आदि वाहनों के निर्माण बल्कि विभिन्न रत्नों के प्रभाव व उपयोग आदि का भी विवरण है। माना जाता है कि उन्होनें ही देवताओं के विमानों की रचना की थी।

ऐसे हुआ विश्वकर्मा का जन्म

धर्मग्रंथों में विश्वकर्मा को सृष्टि के रचयिता ब्रह्माजी का वंशज माना गया है। ब्रह्माजी के पुत्र धर्म तथा धर्म के पुत्र वास्तुदेव थे, जिन्हें शिल्प शास्त्र का आदि पुरुष माना जाता है। इन्हीं वास्तुदेव की अंगिरसी नामक पत्नी से विश्वकर्मा का जन्म हुआ। अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए विश्वकर्मा भी वास्तुकला के महान आचार्य बने। मनु, मय, त्वष्टा, शिल्पी और देवज्ञ इनके पुत्र हैं। इन पांचों पुत्रों को वास्तु शिल्प की अलग-अलग विधाओं में विशेषज्ञ माना जाता है।

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विश्वकर्मा प्रकाश को वास्तु तंत्र का अपूर्व ग्रंथ माना जाता है। इसमें अनुपम वास्तु विद्या को गणितीय सूत्रों के आधार पर प्रमाणित किया गया है। ऐसा माना जाता है कि सभी पौराणिक संरचनाए भगवान विश्वकर्मा द्वारा निर्मित हैं। भगवान विश्वाकर्मा के जन्म को देवताओं और राक्षसों के बीच हुए समुद्र मंथन से माना जाता है। पौराणिक युग के अस्त्र और शस्त्र भगवान विश्वकर्मा द्वारा ही निर्मित हैं। वज्र का निर्माण भी उन्होने ही किया था।

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