आज देश भर के उत्तरी क्षेत्र में तीज का त्यौहार मनाया जा रहा है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को श्रावणी तीज कहते हैं। उत्तरभारत में यह हरियाली तीज के नाम से भी जानी जाती है।
महिलाओं का होता है यह त्यौहार
तीज का त्योहार मुख्य रूप से स्त्रियों का त्योहार माना गया है। आज के दिन इस त्योहार में स्त्रियां गीत गाती हैं, झूला झूलती हैं और नाचती हैं।
तीज सावन के महीने में शुक्लपक्ष के तीसरे दिन मनाई जाती है। इस दिन मां पार्वती की पूजा की जाती है ।
पूजा करने की विधी
आज के दिन महिलाएं निर्जल रहकर व्रत करती है। इस दिन भगवान शंकर-पार्वती का बालू की मूर्ति बनाकर पूजन किया जाता है। अपने घर को साफ-स्वच्छ कर तोरण-मंडप आदि से सजाया जाता है, एक पवित्र चौकी पर शुद्ध मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वती एवं उनकी सखी की प्रतिमा बनाएं। प्रतिमाएं बनाते समय भगवान का स्मरण करें। देवताओं का आह्वड्ढान कर षोडशोपचार पूजन करें। इस व्रत का पूजन रात्रि भर चलता है। इस दौरान महिलाएं जागरण करती हैं, और कथा-पूजन के साथ कीर्तन करती हैं।
तीज का महत्व
प्राचीन मान्यातों के अनुसार, हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। इसलिए, हरियाली तीज पर सुहागिनों स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत करती हैं । इस दिन सुहागिन महिलाएं पूरी श्रद्धा से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करती हैं। पूजा में श्रृंगार की वस्तुएं मां पार्वती को चढ़ाई जाती हैं। इसके बाद हरियाली तीज की कथा सुनकर सास या अपने से बड़ी महिलाओं का आशीर्वाद लेकर उन्हें उपहार भेंट करती हैं। इस तरह से इस व्रत का विधि-विधान पूर्ण माना जाता है।
हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त
तीज का शुभ मुहूर्त बीते 10 अगस्त 2021 को शाम 6 बजकर 3 मिनट से शुरू होकर 11 अगस्त 2021 को शाम 5 बजकर 1 मिनट पर समाप्त होगा। पहला बृह्म महुरत में सुबह 4 बजकर 24 मिनट से 5 बजकर 17 मिनट तक है। दूसरा विजया महुरत में दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर 7 मिनट तक। इसके अलावा, रवि योग भी बन रहा है। जो सुबह 10 बजकर 42 मिनट से शुरू होकर देर रात तक रहेगा।
तीज त्यौहार के नियम
हरियाली तीज के व्रत को करने के लिए कुछ नियमों का पालन करना भी जरूरी है। जिसमें आज के दिन किसी पर भी क्रोध न करें। इस दौरान दूसरों के प्रति मन में नकारात्मक विचार न लाएं। व्रत के दौरान किसी का भी अपमान न करें।- हरियाली तीज का व्रत बहुत ही फलदायी माना जाता है। इस दौरान लालच करने से बचें। व्रत के दौरान लड़ाई-झगड़े से दूर रहें। शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत में दूध का सेवन न करें। व्रत में जल पीने की भी मनाही होती है। इसलिए नियमों का पालन करते हुए इस व्रत को निर्जला ही रखें। इस दौरान सोना नहीं चाहिए। इसके अलावा भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान और जाप कर सकते हैं।