पहाड़ी भेड़ पालन से पशुपालकों की आय में बढ़ोतरी होगी। पहाड़ी नस्ल की भेड़ों का मांस हिमालयन मीट ब्रांड से देश-विदेश में भेजा जाएगा। केंद्र सरकार ने राजकीय सहकारिता विकास निगम के माध्यम से योजना स्वीकृत की है। योजना के तहत भेड़ों के नस्ल सुधार का कार्य भी होगा।
पर्वतीय क्षेत्र में काश्तकार जंगलों में भेड़ों को चराने के लिए ले जाते हैं। भेड़ों को जंगल का ही चारा खिलाया जाता है। जिसमें घास के साथ ही विभिन्न प्रकार का पौष्टिक चारा भी शामिल रहता है। इस कारण मैदानी क्षेत्र की अपेक्षा पहाड़ी भेड़ों का मांस अधिक पौष्टिक होता है। राजकीय सहकारिता विकास निगम के माध्यम से सरकार पर्वतीय क्षेत्र में बकरी पालन को पशुपालकों की आजीविका का साधन बनाएगी।
योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में जिन पशुपालकों को पास 10 से अधिक पहाड़ी नस्ल की भेड़ें हैं, ऐसे पशुपालकों की सोसायटी गठित की जा रही है। एक सोसाइटी में कम से कम दस पशुपालकों को शामिल किया जाना है।
अल्मोड़ा जिले में पशुपालन विभाग अब तक 50 सोसाइटियां गठित कर चुका है। सोसाइटियों के माध्यम से पहाड़ी भेड़ों के नस्ल सुधार का कार्य भी किया जाएगा। पहाड़ी भेड़ों का मांस हिमालयन मीट ब्रांड से बिक्री किया जाएगा।