सावन माह की कांवड़ यात्रा शुरू होने जा रही है । आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण के चलते साल 2020 और 2021 में सावन माह की कांवड़ यात्रा नहीं हुई थी।
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अब दो साल बाद 14 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू होने जा रही है जो 26 जुलाई तक चलेगी। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे बनने के बाद यह पहली कांवड़ यात्रा है। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस ने प्लान तैयार कर लिया है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर कांवड़ियों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। कांवड़िये मेरठ से मोदीनगर, मुरादनगर और गाजियाबाद के रास्ते दिल्ली जा सकेंगे।
ऐसे में ट्रैफिक पुलिस ने प्लान तैयार किया है कि मेरठ के मोदीपुरम से बड़ी कांवड़ लेकर शिवभक्त मेरठ शहर से प्रवेश नहीं कर सकेंगे। और उन्हें मेरठ में मोदीपुरम से बाईपास के रास्ते गाजियाबाद दिल्ली की तरफ जाना होगा। पैदल और छोटी कांवड़ वाले कावड़िए मेरठ शहर के रास्ते गाजियाबाद, दिल्ली जा सकेंगे।
करना होगा नियमों का पालन
जो भी यातायात के मानक हैं, उनका पूरी तरीके से पालन कराया जाएगा। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर पैदल, साइकिल, दो पहिया वाहन, ऑटो, टेंपो और बैलगाड़ी पूरी तरीके से प्रतिबंधित हैं। इस एक्सप्रेस पर वाहनों की स्पीड 120 किमी प्रति घंटा निर्धारित है।
इस रास्ते से जा सकेंगी बड़ी कांवड़
दिल्ली देहरादून हाईवे NH-58 पर हरिद्वार से कांवड़ यात्रा शुरू होकर, मुजफ्फरनगर, मेरठ के रास्ते दिल्ली, हरियाणा राजस्थान की सीमा में प्रवेश करते हैं। मेरठ से बुलंदशहर के रास्ते, अलीगढ़, आगरा, मथुरा, राजस्थान और मध्य प्रदेश तक जाते हैं।
दिल्ली की सीमा से गाजियाबाद और मेरठ के मोदीपुरम तक 78 किलोमीटर की सीमा में रैपिड रेल प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य चल रहा है। यहां सड़क का अधिकांश भाग बाधित है।
आपको बता दें कि 18 जुलाई से NH 58 पर भारी वाहनों का डायवर्जन प्रस्तावित है। कांवड़ियों की संख्या को देखते हुए इस तारीख में परिवर्तन भी किया जा सकता है।
डायवर्जन लागू होने के बाद NH-58 पर किसी भी प्रकार के भारी वाहनों का प्रवेश नहीं किया जाएगा। उन्हें वैकल्पिक रास्तों से भेजा जाएगा। कांवड़ियों की संख्या बढ़ने पर हाईवे को बंद कर दिया जाएगा।