सूर्य ग्रहण के बाद अब चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। हिंदी पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह में पूर्णिमा तिथि को देव दीपावली मनाई जाती है। इस मौके पर देवी और देवता दिवाली मनाने धरती पर आते हैं।
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इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा 8 नवंबर को है। इस दिन चंद्र ग्रहण भी पड़ रहा है। यह वर्ष का आखिरी ग्रहण है। भारत समेत दुनिया के कई देशों में एकसाथ चंद्र ग्रहण दिखेगा। भारतीय समय के अनुसार, चंद्र ग्रहण दोपहर 1 बजकर 32 मिनट पर शुरू होकर शाम 7 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगा। वहीं भारत में चंद्र ग्रहण शाम के 5 बजकर 30 मिनट पर शुरू होकर 6 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगा।
धार्मिक मान्यता है कि पृथ्वी और चन्द्रमा के बीच सूर्य के आ जाने पर चंद्र ग्रहण लगता है। इस दौरान राहु और केतु का प्रकोप पृथ्वी पर रहता है। सनातन शास्त्रों में कहा गया है कि चिरकाल में समुद्र मंथन के समय भगवान श्रीहरि विष्णु जी ने अमृत पान करने के लिए वध कर दिया था। उस समय राहु और केतु को चन्द्रमा और पृथ्वी की छाया में स्थान दिया गया है। भारत में चंद्र ग्रहण प्रभावी रहेगा। इस दिन सूतक भी मान्य होगा। ग्रहण के दौरान नकारात्मक शक्ति का संचार होता होता है। इसके चलते बने काम भी बिगड़ जाते हैं। इसके दुष्प्रभाव से बचाव के लिए निम्न उपाय जरूर करें।
चंद्र ग्रहण के दौरान बुरे प्रभावों से बचाव के लिए गुरु मंत्र का जाप करना फायदेमंद होता है। इसके लिए ग्रहण के दौरान ‘ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:’का जाप करें।
इस दिन राहु और केतु के प्रभाव से बचाव के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना लाभकारी होता है। इसके लिए ग्रहण के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जाप जरूर करें।
धर्म पंडितों की मानें तो ग्रहण के दौरान तुलसी के पत्ता का सेवन करना फायदेमंद होता है।