कोलकाता। केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने बुधवार को यहां चल रहे इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल में किसी भी प्रतिनिधि को नहीं भेजने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार पर भारी पड़ते हुए कहा कि राज्य में राजनीति “सबसे बड़ा प्रदूषणकारी एजेंट” है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य के नौकरशाहों को केंद्र द्वारा बुलाई गई बैठकों में शामिल होने की अनुमति नहीं है।
तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने सुप्रियो के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा, पूरे देश को पता है कि देश में भाजपा किस तरह का सांप्रदायिक जहर फैला रही है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री सुप्रियो ने पीटीआई को बताया, “पश्चिम बंगाल में आईआईएसएफ का 5 वां संस्करण हो रहा है और राज्य मंत्री यहां (सत्र में) अनुपस्थित हैं। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं।”
मंत्री ने यह भी कहा, मुख्यमंत्री ममता बरनर्जी बैठकों में मौजूद नहीं थीं, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुलाया था। हमारे पास एक संघीय ढांचा है, जिसका सम्मान करने की आवश्यकता है। हम बहुत उम्मीद के साथ यहां आए हैं। पश्चिम बंगाल IISF के 5 वें संस्करण का मेजबान राज्य है, लेकिन आपके पास मंत्री नहीं आ रहे हैं। किस तरह की नैतिकता है। यह कोलकाता में सबसे बड़ा प्रदूषण फैलाने वाला एजेंट है।
सुप्रियो ‘स्टेट्स साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर्स कॉन्क्लेव’ पर एक सत्र को संबोधित करने के बाद बोल रहे थे। मुझे उम्मीद है कि बेहतर समझदारी कायम है और इस तरह के उदाहरण अन्य राज्यों के सामने नहीं हैं। एक बंगाली के रूप में, मुझे शर्म आती है। कई अन्य राज्यों के मंत्री धरने पर थे, जबकि पश्चिम बंगाल के मंत्री वहां नहीं थे।