नई दिल्ली| सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में शराबबंदी को रद्द करने वाले पटना उच्च न्यायालय के फैसले पर शुक्रवार को रोक लगा दी। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की पीठ ने जवाब देने के लिए प्रतिवादियों को छह सप्ताह और बिहार सरकार को चार सप्ताह का समय दिया। शीर्ष अदालत की पीठ ने बिहार सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाई।अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 10 सप्ताह के बाद करने का निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को खारिज करते हुए कहा कि शराबबंदी और नागरिकों के मूल अधिकारों को एक साथ लागू नहीं किया जा सकता। बता दें कि नीतीश कुमार सरकार ने 30 सितंबर को पटना हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका में कहा था कि हाईकोर्ट के शराबबंदी कानून को रद्ध करने से सरकार की मुहिम को झटका लगा है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए अगली सुनवाई 10 हफ्ते बाद करने का ऐलान किया है।
गौरलतब है कि 5 अप्रैल को नीतीश सरकार ने एक कानून के तहत राज्य में शराब बनाने, बेचने और पीने पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। हालांकि शराबबंदी पर रोक के बावजूद भी बिहार में जहरीली शराब से लोगों की मौत के कई मामले सामने आए है जिन्होंने सरकार के दावों की पोल खोलकर रख दी थी।