आज से देश में किसी भी तरह का भुगतान करने के लिए डिजिटल रुपये की शुरुआत हो रही है। RBI ने इसका पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया है ।
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हालांकि इसे फिलहाल चार शहरों के चार बैंकों में शुरू किया जा रहा है। डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल के लिए ग्राहकों के मोबाइल या किसी अन्य डिवाइस में बैंकों द्वारा एक डिजिटल वॉलेट इन्स्टॉल किया जाएगा। जिसमें इस डिजिटल करेंसी को रखा जा सकता है।
आपको बता दें कि आरबीआई ने पिछले ही महीने इस करेंसी के पायलट प्रोजेक्ट की थोक कारोबार के लिए शुरुआत की थी। अब इसे व्यापार में आजमाने की तैयारी है। पिछले कुछ समय से भारत में ऑनलाइन भुगतान प्रक्रिया को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है । Paytm से लेकर PhonePe और UPI से लेकर Google Pay तक न जाने कितने ऑनलाइन पेमेंट ऑप्शन मौजूद हैं। ऐसे में अब सवाल यह है उठता है कि जब इतने सारे ऑनलाइन पेमेंट के विकल्प मौजूद हैं और वो बेहतर काम भी कर रहे हैं तो फिर डिजिटल रुपया लाने की जरूरत ही क्यों पड़ी। क्यों खास है डिजिटल करेंसी और यह UPI या किसी अन्य ऐप से कितनी अलग है।
जानें डिजिटल करेंसी की खासियत
डिजिटल रुपये का उपयोग यूपीआई, एनईएफटी, आरटीजीएस, आईएमपीएस, डेबिट/क्रेडिट कार्ड आदि के माध्यम से किए गए भुगतानों के समान डिजिटल भुगतान करने के लिए किया जाएगा। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी या डिजिटल रुपये का उपयोग यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI), नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर, रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट की तरह ही डिजिटल पेमेंट के लिए करने के लिए किया जाएगा।
फिलहाल यह सुविधा देश के चार शहरों से शुरू किया जा रहा है। जिसमें मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर हैं । इसके बाद अगले चरण में अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला जैसे शहरों में डिजिटल रुपये का चलन शुरू होगा। डिजिटल रुपये को बैंक जारी करेंगे।
फिलहाल पहले चरण में भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक देश के चार शहरों में खुदरा डिजिटल रुपया जारी करेंगे। अगले चरण में बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक को भी इस पायलट प्रोजेक्ट से जोड़ दिया जाएगा।