18 अगस्त की रात्रि में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व बड़े जी धूम धाम से बदरीनाथ धाम में मनाया गया।
रात्रि में परिक्रमा में श्रद्धालुओं की भारी संख्या के बीच भगवान श्री बदरीनाथ जी के उत्सव विग्रह श्री उद्धव जी परिक्रमा में पहुंचें और श्रीमान् रावल जी ने सम्पूर्ण विश्व की मंगल कामना हेतु उद्धव जी का महाभिषेक किया।
इसके बाद उद्धव जी गर्भगृह में विराजमान हुए और भगवान श्री बदरीनाथ जी का मध्यरात्रि में महाभिषेक हुआ।
जन्माष्टमी पर ये खास योग
- अष्टमी तिथि 18 अगस्त को शाम 9 बजकर 20 मिनट से प्रारंभ होगी और 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी। निशीथ पूजा 18 अगस्त की रात 12 बजकर तीन मिनट से लेकर 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगी। निशीथ पूजा की कुल अवधि 44 मिनट की होगी। पारण 19 अगस्त को सुबह 5 बजकर 52 मिनट के बाद होगा।
- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर इस बार बेहद खास संयोग बन रहा है। ज्योतिषियों के मुताबिक, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर इस साल 51 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। अभिजीत मुहूर्त 12 बजकर 5 मिनट से 12 बजकर 56 मिनट तक मुहूर्त रहेगा।
- इस दिन अष्टमी की शुभ बेला और रात को रोहिणी नक्षत्र का संयोग भी बनेगा। इस योग में पूजा व्रत करने से जातक को लाभ मिलेगा।
- इतना ही नहीं 19 अगस्त को कृत्तिका नक्षत्र होने से छत्र नाम का शुभ योग दिन भर रहेगा। इसके साथ ही ध्रुव नाम का एक अन्य शुभ योग भी इस दिन रहेगा।
- 19 अगस्त को चंद्रमा और मंगल एक ही राशि में रहेंगे, जिससे महालक्ष्मी योग बनेगा।
- साथ ही इस दिन सूर्य और बुध भी एक ही राशि में होने से बुधादित्य नाम का एक अन्य शुभ योग भी इस दिन रहेगा। इन शुभ योगों में की गई पूजा और उपाय धन लाभ देने वाले रहेंगे।