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विद्यार्थियों को नैक मूल्यांकन में श्रेणी सुधार से होने वाले लाभ बताएं: राज्‍यपाल

विद्यार्थियों को नैक मूल्यांकन में श्रेणी सुधार से हाने वाले लाभ बताएं: राज्‍यपाल

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने गुरुवार को राजभवन में नैक मूल्यांकन के लिए दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय का प्रस्तुतिकरण देखा। इस दौरान उन्होंने कहा कि, विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन में अपनी श्रेणी के सुधार के लिए कमियों को समय से दूर करें और प्रस्तुतिकरण को पूर्ण विश्वास के साथ विश्वविद्यालय में लागू करें।

गोरखपुर विवि ने राज्यपाल आनंदीबेन के सामने आज अपने दूसरे नैक मूल्यांकन के लिए तैयारियों का प्रस्तुतिकरण दिया। गौरतलब है कि नैक मूल्यांकन सात श्रेणियों में होता है। विश्वविद्यालय ने 2005 में अपने प्रथम नैक मूल्यांकन में B++  श्रेणी प्राप्त की थी। इसके बाद से विश्वविद्यालय द्वारा अपनी श्रेणी सुधार के लिए लगातार प्रयास करते हुए अब राज्यपाल की प्रेरणा से मूल्यांकन की बेहतर तैयारियों के साथ प्रस्तुतिकरण किया गया है।

छात्रों को बताएं नैक श्रेणी में सुधार के लाभ

बैठक में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कुलपति प्रो. राजेश सिंह से कहा कि, वे विद्यार्थियों को जानकारी दें कि विश्वविद्यालय की ‘नैक श्रेणी’ में सुधार होने पर केंद्र सरकार से योजनाओं के लिए अधिक फंड और छात्रों के लिए सुविधाओं में विस्तार के साथ-साथ उनके प्रमाण-पत्रों में उच्च श्रेणी के विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने का गौरव अंकित हो जाता है।

 

विद्यार्थियों को नैक मूल्यांकन में श्रेणी सुधार से हाने वाले लाभ बताएं: राज्‍यपाल

 

कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय की नैक श्रेणी के सुधार के लिए कई व्यवहारिक सुझाव दिए। उन्होंने विश्वविद्यालय को अपनी गतिविधियों को अधिकतम ऑनलाइन करके पारदर्शिता बढ़ाने, पुराने डेटा संकलन को समृद्ध करने, विद्यार्थियों को प्रशासनिक कार्यों से जोड़ने, नवाचार बढ़ाने और सीड मनी के उपयोग संबंधी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि, नैक मूल्यांकन के लिए सभी आवश्यक तैयारियों के साथ डेटा भेजा जाए।

विद्यार्थियों की सहभागिता बढ़ाने वाले बनाएं प्रोजेक्ट

प्रस्तुतिकरण के दौरान कुलाधिपति ने निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों की सहभागिता बढ़ाने वाले प्रोजेक्ट बनाए। उन्होंने कहा कि, कैंपस के छोटे-छोटे निर्माण कार्यों की योजना, नक्शा और निर्माण के आंतरिक कार्यों के नियोजन में अधिकतम सहयोग विद्यार्थियों का लिया जाए। उन्होंने उच्चतम श्रेणी प्राप्त विश्वविद्यालयों की तर्ज पर दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर में भी नवाचार बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।

उन्होंने विश्वविद्यालय में शोध विषयों को व्यवहारिक बनाने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि, शिक्षकों को ऐसी जगह विजिट पर भेज कर स्टडी कराने की व्यवस्था भी कराई जाए, जिसे विश्वविद्यालय में लागू कराकर स्तर सुधार किया जा सके। प्रस्‍तुतिकरण के बाद विश्वविद्यालय के कुलपति और अन्य सदस्यों ने राज्यपाल को विवि के 39वें दीक्षान्त समारोह का मोमेन्टो, अंगवस्त्र और पर्यावरण कलेंडर भी भेंट किया।

ये अधिकारी रहे मौजूद

विश्वविद्यालय के साथ नैक प्रस्तुतिकरण की तैयारियों पर इस बैठक में अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता, विशेष कार्याधिकारी (शिक्षा) डॉ. पंकज जॉनी, दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलपति प्रो. राजेश सिंह, विश्वविद्यालय के नैक कोऑर्डिनेटर प्रो. संदीप कुमार, प्रो. गौर हरि बेहरा, प्रो. अजय सिंह और अन्य सहयोगी मौजूद रहे।

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