लखनऊ: राजधानी स्थित बालू अड्डा में दूषित पानी पीने से दो बच्चों की मौत हो गई। वहीं करीब 80 से ज्यादा लोग बीमार हैं और हॉस्पिटल में भर्ती हैं। इस पूरे मामले में क्षेत्रवासियों ने नगर निगम और जलकल विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है। बालू अड्डा निवासियों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी अधिकारियों की तरफ से कोई सुनवाई नहीं हुई है। वहीं दूषित पानी पीने से बीमार पड़े कुछ मरीजों का इलाज डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल हॉस्पिटल में चल रहा है।
अस्पताल के निदेशक डॉ. सुभाष सुंदरियाल का कहना है कि वर्तमान में सिविल हॉस्पिटल में 42 मरीज़ एडमिट हैं। अबतक नौ मरीज़ डिस्चार्ज होकर घर जा चुके हैं। साथ ही उन्होंने यह भी बताया है कि समस्या को देखते हुए अस्पताल का ‘डिजास्टर वार्ड’ जो की 50 बेड का है, उसे खोल दिया गया है।
दो फिजिशियन मरीजों पर निरंतर नज़र बनाए हुए हैं
वहीं भारतखबर.कॉम से विशेष बातचीत में डॉ. सुंदरियाल ने बताया है कि भर्ती हुए मरीजों पर निरंतर नज़र रखी जा रही है। उन्होंने बताया है कि इसके लिए दो फिजिशियन की ड्यूटी लगाईं गई है। साथ ही स्टाफ भी बढ़ाया गया है। सभी मरीजों का ट्रीटमेंट बेहतर ढंग से किया जा रहा है और मरीजों की स्थिति पहले से बेहतर है।
मल्टिपल सोर्स ऑफ़ इन्फेक्शन की बात आ रही सामने
वहीं सिविल अस्पताल के निदेशक का कहना है कि मरीजों में मल्टिपल सोर्स ऑफ़ इन्फेक्शन की समस्या सामने आई है। आशंका है कि पानी, खाने-पीने, रहने की व्यवस्था की वजह से ये हुआ है। शायद यही वजह है कि उल्टी-दस्त की समस्या से मरीज़ झूझ रहे हैं। उन्होंने कहा है कि ये मामला भी हमारे लिए चुनौतीपूर्ण है क्योंकि हमारे पास लिमिटेड रिसोर्स हैं। हालांकि, डॉक्टर्स और स्टाफ की मेहनत से सभी समस्याओं से हम पार पा लेते हैं।
बरसात के मौसम में खुद का रखें ख़ास ख्याल
डॉक्टर सुंदरियाल का कहना है कि बरसात के मौसम में खास ख्याल रखने की जरूरत है। उन्होंने बताया है कि इस मौसम में खुले में रखा हुआ पानी न पीएं। पानी को गर्म करने के बाद ठंडा करके पानी पीएं। साथ ही अपने आस पास सफाई का खास ध्यान रखें और अपने आस-पास पानी इकठ्ठा न होने दें।