मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक पर एक बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा कहा गया है कि इस मामले में केंद्र सरकार 6 महीनों के भीतर संसद में कानून पास किया जाए। वही सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मुस्लिम समाज की महिलाओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि देश की सर्वोच्च अदालत ने उनके हित में फैसला सुनाया है और उन्हें यकीन है कि 6 महीने बाद जब संसद में केंद्र की तरफ से कानून लाया जाएगा तब भी उनके हित में सोचकर फैसला किया जाएगा।
वही इस मामले में सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि वह कोर्ट के फैसले से काफी खुश हैं। सरकार की तरफ से इसपर कानून बनाने को लेकर मेनका गांधी ने कहा है कि सरकार तीन तलाक पर जल्द कानून बनाएगी। उन्होंने कहा है कि कानून बनाने में सरकार को कोई भी दिक्कत नहीं आएगी। साथ ही उन्होंने कहा है कि पीएम मोदी ने हमेशा से औरतों का हित चाहा है। उन्होंने कहा है कि वक्त बदलने के साथ साथ खुद को भी बदलना चाहिए और जैसे-जैसे वक्त बदलता है वैसे-वैसे परंपरा भी बदलती है। उनके अनुसार अब वक्त आ गया है कि औरतों को समानता देने के लिए हमें आगे चलना चाहिए, हर चीज का वक्त आता है और वक्त के आधार पर हमें आगे चलना चाहिए।
वही दूसरी तरफ कोर्ट के फैसले के बाद मुस्लिम समाज की महिलाओं में खासा खुशी का माहौल देखा जा रहा है। महिलाएं कोर्ट के फैसले से खुश होकर मिठाईयां बांट रही हैं और एक दूसरे को बधाई दे रही हैं। पांच जजों की पीठ का फैसला आने के बाद यह साफ हुआ है कि तीन तलाक महिलाओं के मौलिक अधिकारों का हनन है। तीन तलाक पर अपनी आवाज बुलंद करने वाली शायरा बानो द्वारा सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक पर अर्जी डालने के बाद हुई। शायरा बानो की तरफ से कहा गया था कि उन्हें यकीन है कि कोर्ट का फैसला उसी की तरफ आएगा। वही सुप्रीम कोर्ट में निकाह हलाला और तीन तलाक के मुद्दे पर चुनौती दी गई थी।
शायरा बानो का कहना था कि अब वक्त आ गया है कि इस मुद्दे पर कानून बनना चाहिए। वही अब केंद्र सरकार इस पर संसद में कानून लाएगी। ऐसे में यह साफ हो गया है कि केंद्र सरकार इसपर कोई बड़ा और सख्त कदम उठाएगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकार पहले से ही तीन तलाक के विरुद्ध है। आपको बता दें कि दी सरकार द्वारा दिए गए हलफनामें में यह साफ तौर पर कहा गया है कि वह तीन तलाक को मान्य नहीं मानती हैं और वह इसे जारी रखने के पक्ष में नहीं है। हलफनामें में यह साफ कहा गया है कि वह तीन तलाक को वैध नहीं मानती है।