शुक्रवार को ऐतिहासिक उपलब्धि भारत के “मुंबई के विक्टोरियन गोथिक एवं आर्ट डेको इंसेबल्स” को यूनेस्को की विश्व धरोहर संपदा की लिस्ट में शामिल किया गया है। आपको बता दें कि इसका निर्णय आज बहरीन के मनामा में यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के 42वें सत्र में किया गया है। जैसा कि विश्व धरोहर समिति ने सिफारिश की, कि भारत ने इंसेबल का नया नाम ‘मुंबई के विक्टोरियन गोथिक एवं आर्ट डेको इंसेबल्स‘ स्वीकार कर लिया।
विक्टोरियन गोथिक एवं आर्ट डेको इंसेबल्स के हिस्से के रूप में राजाबाई क्लॉक टावर, भारत मानदंड (2) एवं (4) के तहत, जैसाकि यूनेस्को के संचालनगत दिशानिर्देशों में निर्धारित किया गया है, ‘मुंबई के विक्टोरियन गोथिक एवं आर्ट डेको इंसेबल‘ को विश्व धरोहर संपदा की सूची में शामिल करवाने में सफल रहा है।इससे मुंबई सिटी अहमदाबाद के बाद भारत में ऐसा दूसरा शहर बन गया है जो यूनेस्को की विश्व धरोहर संपदा की सूची शामिल हुआ है।
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ऐतिहासिक क्षण पर केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ.महेश शर्मा ने मुंबई के निवासियों और पूरे देश को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बधाई दी है।विक्टोरियन गोथिक एवं आर्ट डेको इंसेबल के हिस्से के रूप में मुंबई विश्वविद्यालय यह इंसेम्बल दो वास्तुशिल्पीय शैलियों, 19वीं सदी की विक्टोरियन संरचनाओं के संग्रह एवं समुद्र तट के साथ 20वीं सदी के आर्ट डेको भवनों से निर्मित्त है।
यह इंसेम्बल मुख्य रूप से 19वीं सदी के विक्टोरियन गोथिक पुनर्जागरण के भवनों एवं 20वीं सदी के आरंभ की आर्ट डेको शैली के वास्तुशिल्प से निर्मित्त है। जिसके मध्य में ओवल मैदान है। यह उत्कीर्णन मानदंड (2) एवं (4) के तहत, जैसाकि यूनेस्को के संचालनगत दिशानिर्देशों में निर्धारित किया गया है, किया गया है।
आपको ता दें कि देश के 42 स्थल के नाम विश्व धरोहर की प्रायोगिक सूची में दर्ज हैं गौरतलब है कि संस्कृति मंत्रालय हर वर्ष यूनेस्को को नामांकन के लिए एक संपत्ति की सिफारिश करता है।