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टैक्स प्रणाली में बदलाव के एक साल पूरे, 1 जुलाई 2018 ‘जीएसटी दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा

GSTT2 टैक्स प्रणाली में बदलाव के एक साल पूरे, 1 जुलाई 2018 'जीएसटी दिवस' के रूप में मनाया जाएगा

भारतीय कर प्रणाली में सुधार के एक साल होने पर आज 1जुलाई को जीएसटी दिवस के रूप में मनाया जाएगा। गौरतलब है कि जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) भारत के सभी राज्यों में ”जम्मू-कश्मीर” को छोड़कर  लागू किया गया था। जिसे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पीएम मोदी ने लॉन्च किया था आपको बता दें कि राष्ट्रपति ने जीएसटी को कर सुधार की दिशा में इसे ऐतिहासिक कदम बताया था। जीएसटी को 31जून की मध्य रात्रि को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में औपचारिक रूप से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने बटन दबाकर लॉन्च किया था।

 

GSTT2 टैक्स प्रणाली में बदलाव के एक साल पूरे, 1 जुलाई 2018 'जीएसटी दिवस' के रूप में मनाया जाएगा

 

 

जीएसटी सहकारी संघवाद का उचित उदाहारण है। क्योंकि जीएसटी परिषद की 27 बैठकों में सभी निर्णयों पर सर्वसहमति से एसे लागू करने फैसला किया गया था। जीएसटी-एक राष्ट्र, एक कर , एक बाजार-भारत को एक आर्थिक संघ में बांधता  है। “मेक इन इंडिया” को बढ़ावा देने में  इसकी अहम भूमिका है। और इससे व्यवसाय करने की सहजता  में सुधार आया है।

ई-वे विधेयक एक प्रकार का Electronic Bill यानी कम्प्यूटर पर बना बिल होता है। जीएस टी प्रणाली  में, किसी माल को एक जगह से दूसरी जगह भेजने पर, उसके लिए Online Bill भी तैयार करना होगा। ये बिली जीएसटी पोर्टल पर भी दर्ज हो जाएगा।इसी Online Bill को E-Way Bill कहते हैं। के लागू किए जाने से देश भर में वस्तुओं की बाधामुक्त आवाजाही होती है।

भारत सरकार भारतीय कर प्रणाली में अभूतपूर्व सुधार अर्थात वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अस्तित्व में आने के एक वर्ष पूरे होने पर कल, 1 जुलाई, 2018 को ‘जीएसटी दिवस‘ के रूप में मनाएगी। पहला वर्ष सामने आने वाली विभिन्न प्रकार की चुनौतियों एवं नीति निर्माताओं तथा कर प्रशासकों की इनसे बेहतर तरीके से निपटने की इच्छा और क्षमता दोनों ही रूप से कथनीय  रहा है।

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जीएसटी का पहला वर्ष विश्व के लिए भारतीय करदाताओं के  कर प्रणाली में आए इस अभूतपूर्व सुधार में प्रतिभागी बनने का उदाहरण रहा है। जिसके अनुरूप  फैसला किया गया है कि 1 जुलाई 2018 को “‘जीएसटी दिवस”के रूप में मनाया जाएगा।  केंद्रीय मंत्री  पीयूष गोयल इस अवसर पर होने वाले समारोह की अध्यक्षता करेंगे जबकि वित राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला विशिष्ट अतिथि रहेंगे।

 

जीएसटी के लागू होने से पहले केन्द्र और राज्य का अलग-अलग दैक्स होता था। जीएसटी के लिए संविधान में संशोधन के लिए जो बहस हुई, उनमें ऐसे तमाम मुद्वे थे जिनके लिए केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों के बीच समाधान एवं सहमति की आवश्यकता थी। जैसाकि संविधान की धारा 279ए में प्रावधान है। वस्तु एवं सेवा कर परिषद  12 सितंबर, 2016 को अधिसूचित एवं प्रभावी हुई।

आपको बता दें कि जीएसटी “‘सहकारी संघवाद” का उचित उपहार है क्योंकि जीएसटी परिषद की अभी तक आयोजित 27 बैठकों में सभी निर्णयों पर सर्वसहमति से फैसला किया गया।और ऐसा कोई अवसर नहीं आया कि किसी मसले पर निर्णय के लिए वोट कराने की जरूरत हुई हो।

 

चार कानूनों, जिनके नाम हैं- सीजीएसटी अधिनियम, यूटीजीएसटी अधिनियम, आईजीएसटी अधिनियम एवं जीएसटी (राज्यों को क्षतिपूर्ति) अधिनियम, को संसद द्वारा पारित किया गया। और 12 अप्रैल, 2017 से इन्हें अधिसूचित कर दिया गया है। भारत ने दोहरे जीएसटी मॉडल को इसकी अनूठी संघीय प्रकृति के कारण अंगीकार किया है।गौरतलब है कि जीएसटी से आर्थिक संघवाद को बढ़ावा मिला है। राष्ट्रीय बजार का एकीकरण हुआ है। अप्रत्यक्ष कट्टरपंथी कर निर्धारण  पर सुधार हुआ है।

M 7 टैक्स प्रणाली में बदलाव के एक साल पूरे, 1 जुलाई 2018 'जीएसटी दिवस' के रूप में मनाया जाएगा

    महेश कुमार यदुवंशी

 

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