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MSME Day: कोरोना के बाद कैसे दोबारा संवरेगी उद्योग इंडस्ट्री

MSME Day: कोरोना के बाद कैसे दोबारा संवरेगी उद्योग इंडस्ट्री

लखनऊ: कोरोना महामारी ने सभी तरह के रोजगार ठप कर दिए। इससे जुड़े लोगों पर बड़ा आर्थिक दबाव आया, जिससे निपटने के लिए अभी भी व्यापारी वर्ग जूझ रहा है। सरकार की तरफ से अगर टैक्स, बिजली बिल के भुगतान में राहत दी जाती है, तभी दोबारा उद्योग खड़े हो पाएंगे। MSME Day पर इसी सिलसिले में BharatKhabar.com के संवाददाता आदित्य मिश्र ने उद्योग जगत के लोगों के साथ बातचीत की।

MSME है सबसे जुझारू सेक्टर

MSME Day पर विशेष बातचीत में प्रमोद सदाना (Parmod Sadana, Divisional Chairman IIA , Saharanpur Division) ने बताया कि यह सेक्टर रोजगार का सबसे बड़ा स्रोत है। अर्थव्यवस्था में भी काफी महत्वपूर्ण योगदान होता है, लेकिन सुविधाएं अभी भी उतनी नहीं मिल रही हैं। मौजूदा माहौल में सिर्फ 40% क्षमता के साथ उद्योग चल रहा है। इसके बाद भी बैंक लोन से जुड़े ब्याज, बिजली बिल, लेबर चार्ज यह सारी चीजें अदा करनी पड़ रही हैं।

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Parmod Sadana, Divisional Chairman IIA , Saharanpur Division

इसके बाद भी उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि अभी भी यह सेक्टर परेशानियों से लड़ने के लिए तैयार है। MSME सबसे जुझारू सेक्टर है, जहां आदमी अपना तन-मन-धन लगाकर उद्योग बचाने में पूरी मेहनत करता है। सरकार की तरफ से अगर बिजली बिल पर लगने वाला फिक्स चार्ज और अन्य टैक्स में थोड़ी छूट मिल जाए तो बड़ी राहत होगी।

पर्यटन क्षेत्र को भी मिले राहत

राहुल मेहता (Rahul Mehta – Varanasi Divisional Secretary, IIA & President , Tourism Welfare Association, Varanasi) ने पर्यटन और सर्विस इंडस्ट्री से जुड़े आयामों पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि इसे उद्योग का दर्जा भी मिल गया, MSME में रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया, लेकिन अभी भी उचित फायदा नहीं मिल रहा है। ग्रोथ हो रही है लेकिन नई इंडस्ट्री लगाने में अभी भी रास्ते आसान नहीं हैं।

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Rahul Mehta – Varanasi Divisional Secretary, IIA & President , Tourism Welfare Association, Varanasi

कोरोना के बाद बाजार पूरी तरह से मंदी झेल रहा है। इसके बाद भी उद्योग जगत से जुड़े लोगों को अलग-अलग तरह के कई खर्चे झेलने पड़ रहे हैं। सरकार अगर इनमें राहत देती है तो उद्योग दोबारा आसानी से खड़े हो सकते हैं। पर्यटन के क्षेत्र में अगले दो वित्तीय वर्ष के लिए टैक्स में राहत दी जानी चाहिए।

जिसमें अलग-अलग पर्यटन यूनिट जैसे होटल, ट्रैवल एजेंसी, रेस्टोरेंट से जुड़े टैक्स में सहूलियत मिलनी चाहिए। अलग-अलग पर्यटन इकाइयों को लोन पर लगने वाले ब्याज में सब्सिडी भी मिलनी चाहिए। इलेक्ट्रिसिटी बिल में जिस तरह से अन्य क्षेत्रों को राहत दी जाती है, वैसे ही होटल इंडस्ट्री और पर्यटन क्षेत्र में भी सुविधा मिलनी चाहिए।

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