लखनऊ: दुनिया के हर कोने में आज एमएसएमई डे मनाया जा रहा है। भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में भी एमएसएमई का महत्वपूर्ण योगदान है। यही वजह है कि यहां सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए तमाम तरह की सरकारी योजनाओं पर काम किया जा रहा है।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एमएसएमई के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने व बनाने का मूल मंत्र दिया था। हालांकि, कोरोना काल में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। एमएसएमई की स्थिति को सुधारने के लिए उद्यमियों ने भारतखबर.कॉम के माध्यम से कई सुझाव दिए हैं। आप भी पढ़िए इन सुझावों को…
उद्योगों एवं उद्यमियों को मोटिवेट करे सरकार
अनुज अरोरा (Secretary, IIA Delhi Chapter) (AMORVET Herbals Vill. Choli Shahbuddinpur-Pargana Bhagwanpur, Roorkee, Haridwar) का कहना है कि कोविड की वजह से इंडस्ट्री को काफी नुक्सान हुआ है। जीएसटी और गवर्नमेंट पॉलिसीस में कमियों की वजह से भी नुक्सान हुआ है। उन्होंने कहा है कि सरकार को अपनी योजनाओं के बल पर इंडस्ट्री को मोटिवेट करना होगा। देश में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए ये जरूरी है। उन्होंने कहा है कि, सरकार को उद्योग से जुड़ी हर समस्या को हल करना पड़ेगा, इससे उद्यमियों का कॉन्फिडेंस लेवल भी बढ़ेगा।
उन्होंने ने कहा है कि अधिकारीयों का रवैया उद्यमियों के प्रति सजग नहीं होता है। इसको बदलने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने कहा है कि देश को आगे ले जाने के लिए औद्योगीकरण बहुत जरूरी है। सरकार की योजनाएं बेहतरीन है लेकिन रिस्पांस बहुत स्लो है, इसको तेज़ करने की जरूरत है तभी एमएसएमई से जुड़े उद्योग, तरक्की कर सकेंगे।
बैंकों का सहयोग बहुत जरूरी
वहीं नीरज बजाज (Convener of IIA Central Delhi Chapter) (Trade Hub Enterprises, Ground Floor, Shop No: 226, Anarkali Bazar Cycle Market, Jhandewalan, Central Delhi) का कहना है कि अगर उद्योगों को रफ़्तार देनी है और देश में औद्योगीकरण को बढ़ावा देना है तो उद्यमियों को बैंकों का सहयोग जरूर से मिलना चाहिए। उन्होंने कहा है कि उद्यमी अगर सीए और टैक्सेज में समय व्यतीत करेगा तो उसका एफेक्ट उद्योग पर पड़ेगा। इन सब की वजह से एक उद्यमी अपने मूल काम पर ध्यान ध्यान नहीं दे पाएगा और इंडस्ट्री लॉस की तरफ चली जाएगी।
उन्होंने कहा कि एमएसएमई के लोन सैंक्शन में काफी समय लगता है। इसपर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि टैक्सेज पार्ट में पेपर वर्क कम होना चाहिए, साथ ही सही टाइम पर बैंकों द्वारा लोन दिया जाए, अगर तय समय-सीमा के तहत लोन मिलने लगे तो इंडस्ट्री एकदम से ग्रूम करेगी और एमएसएमई को एक्चुअल बढ़ावा मिलेगा।
अपनी जिम्मेदारियों से न भागे सरकार
डॉ. एल.के. पाण्डेय (Chairman, IIA Delhi State Chapter) (Global Food & Agribusiness Advisory, 1/21, 2nd Floor, Ramesh Nagar, New Delhi) का कहना है कि कोरोना काल में एमएसएमई से जुड़े उद्योगों की स्थिति सही नहीं है। उन्होंने कहा कि उद्यमियों की तरफ से मैं सरकार से कहना चाहता हूं कि वे अपनी जिम्मेदारियों से न भागे। उनकी योजनाएं सही हैं लेकिन उन योजनाओं का इम्प्लीमेंटेशन सही ढंग से नहीं हो पा रहा है। वर्तमान समय में उद्यमियों को सरकार के सपोर्ट की जरूरत है। उन्होंने कहा है कि उद्यमियों को फाइनेंस सपोर्ट की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, ‘उद्यमियों को बैंकों से हमेशा डर बना रहता है। बैंक का सपोर्ट बिलकुल भी नहीं मिल पा रहा है। इंटरेस्ट, पेनल्टी, लेट फीस आदि की टेंशन से उद्यमी झूझ रहा है। उद्यमियों पर बोझ बढ़ रहा है।’ डॉ. एल.के. पाण्डेय का कहना है कि फ़िलहाल एमएसएमई को एक्स्ट्रा टैक्सेज से मुक्त कर देना चाहिए। उन्होंने पब्लिक का भी सपोर्ट मांगा है। उन्होंने कहा है कि महामारी के दौर से जल्द निकलने के लिए पब्लिक को कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर जरूरी है। इसी से महामारी खत्म होगी और फिर से व्यापार गति पकड़ेगा।
प्रशानिक अधिकारियों पर सरकार की पकड़ हो
अखिलेश प्रताप सारस्वत (CHAPTER CHAIRMEN/ CONVENER, IIA Uttrakhand) (Parvatiya Plywood (P) Ltd। Village-Shivlallpur, Post Box No. 3, Post -RamNagar, Distt.-City-Nainital, Uttaranchal) का कहना है कि वर्तमान समय में बाज़ार में डीमांड नहीं है। उन्होंने कहा है कि सरकार की नीतियां बेहतरीन हैं लेकिन उससे जुड़े अधिकारी सही तरीके से नीतियों को इम्प्लीमेंट नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार को प्रशासनिक अधिकारियों पर पकड़ रखने की जरूरत है।
उन्होंने कहा है कि भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार को जरूरी कदम उठाने चाहिए। एमएसएमई से जुड़े अधिकारियों पर सरकार को नज़र रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा है कि अगर देश में इंडस्ट्रीज को ग्रोथ कराने पर काम किया जाएगा तो एमएसएमई से जुड़े उद्योग अपने आप बढ़ने और देश में बेरोजगारों की संख्या में कमी आएगी।