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MSME 2021: सारी इंडस्ट्रीज लोन पर चलती है, लॉकडाउन के बाद उद्यमियों को राहत की उम्मीद

MSME 2021: सारी इंडस्ट्रीज लोन पर चलती है, लॉकडाउन के बाद उद्यमियों को राहत की उम्मीद

MSME 2021: आज के दिन पूरे विश्व में उद्योग के नजर से विशेष दिन है। लेकिन कोरोना की पहली लहर से दूसरी लहर के बीच उद्योग इंडस्ट्री के लिए सही नहीं। यहां सरकार ने अपनी तरफ से कुछ राहत देने की कोशिश जरूर की पर वह पर्याप्त साबित नहीं हुई। आज भारत खबर ने एमएसएमई 2021 के लिए विशेष तौर पर कवरेज की है। भारत खबर ने तमाम उद्योग से जुड़े उद्यमियों और इनकों नियंत्रित करने वाले अधिकारियों से बात की। हमने यह जानने की कोशिश की इंडस्ट्री को क्या नुकसान हुआ है। आगे यह इंडस्ट्री कैसे अपनी ग्रोथ बढ़ाएंगी।

राजेश कुमार गुप्ता ने बताई मुख्य बातें

राजेश कुमार गुप्ता से हमने MSME के मौके पर बात की। हमने उनसे यह जानन की कोशिश की मौजूदा उद्योग की हालत कैसी है। और कोरोना काल में किस इंडस्ट्री को नुकसान हुआ और किसे फायदा हुआ।

कुछ इंडस्ट्री फायदे में रही

राजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि कोविड का जो दौर गुजरा इसमें इंडस्ट्री को कोई फायदा नहीं हुआ है। इंडस्ट्री को बाजार से कोई खास डिमांड नहीं मिली है। हा कुछ इंडस्ट्री को फायदा भी हुआ जैसे जो इंड्रस्टी मेडिकल संबधी चीजों की सप्लाई करती वह फायदे में रही।

पूरी इंडस्ट्री लोन पर चलती है…

राजेश कुमार गुप्ता ने बताया की सारी इंडस्ट्री बैक के लोन पर चलती है। कोरोना काल में बंदी के दौरान बाजार से पैसा नहीं मिला। कंपनियों के प्रोडक्ट उठ नहीं पाए। और सरकार ने भी इन इंडस्ट्रीज का सपोर्ट नहीं किया। ऐसे में यह इंड्रस्टियां भारी नुकसान का सामना कर रही है। सरकार कम से कम लोन का टाइम तो बढ़वा सकती है। जिससे इन इंडस्ट्रीज को कुछ राहत मिल जाए।

सरकार ने अपनी रिकवरी पूरी की पर मदद नहीं की

राजेस कुमार गुप्ता ने कहा बंदी के बाद सरकार ने अपनी रिकवरी तो पूरी की, जैसे जीएसटी, टैक्स, साथ तेल के दामों में भी बढ़ोत्तरी जारी है। पर इंडस्ट्री के लिए कोई रियायत नहीं की है। इंडस्ट्री को कर्मचारियों की सैलरी भी टाइम पर देनी होती है। बैक का कर्ज भी और जीएसटी भी, ऐसे में इंडस्ट्री पूरी तरह से घाटे में है।

छोटी इंड्रस्टियां सबसे ज्यादा घाटे में

राजेश कुमार गुप्ता ने आगे कहा सबसे ज्यादा नुकसान अगर किसी को हुआ है तो वह छोटे उद्योगों वाली कंपनियों को हुआ है। बड़ी कंपनियां तो फिर भी इंटरनेशलन मार्केट से जुड़ी है। वह अपने नुकसान की भरवाई कर सकती है और कई ने कर भी ली है। लेकिन छोटी कंपनियों को कोई राहत नहीं मिली है। सरकार को इनके लिए कुछ कदम उठाने चाहिए।

MSME 2021 DAY के मौके पर आगे हमने बात की दीपक से उन्होने भी कोरोना काल की ही बात बताई। उन्होने कहा कोरोना काल में लघु और मध्यम उद्योगों को नुकसान झेलना पड़ा है। अब जहां लॉकडाउन खुला है और बाजारों में बिक्री शुरू हुई तो उम्मीद की जा सकती है कि दो से तीन महीनों में हालत सामान्य हो सकते है।

कोरोना की पहली लहर के बाद सब ठीक था

दीपक ने हमसे बात करते हुए कहा कोरोना की पहली लहर के बाद लॉकडाउन जब हटा तो इंड्रस्टी पर ज्यादा असर नहीं पड़ा था। कुछ ही दिनों में हालात सामान्य हो गए थे। पिछले साल उद्योग बेहतर था।

इस बार भी अच्छे की उम्मीद

दीपक ने आगे हमसे बात करते हुए कहा कि इस बार बिजली के रेट नहीं बढ़ाए गए है। बैकिंग सिस्टम भी अच्छा है। अब बाजारों से भी माल की डिमांड आने लगी है। हमें उम्मीद है कि कुछ समय बाद हालात सामान्य हो जाएगे। सरकार ने इंडस्ट्री के लिए अच्छी प्लानिंग की थी। तो हमें ज्यादा नुकसान देखने को नहीं मिला है।

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